भोपाल।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की नसीहत के बाद अब अधिकारी वचन पत्रों में किए गए वादों को पूरा करने में जुट गए है। कर्जमाफी, किसानों की पेंशन, पुलिसकर्मियों के बाद अब पेंशनभोगियों से किए गए वादे पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा पेंशनभोगियों को पेंशन देने की तैयारी की जा रही है।उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले पेंशनभोगियों को इस पेंशन का लाभ मिल सकता है।
दरअसल, प्रदेश में करीब 40 लाख पेंशनभोगी है, जिन्हें वचन पत्र के वादे के मुताबिक हर महिने एक हजार रुपये पेंशन दी जानी है। वही सामाजिक न्याय एवं निशक्त कल्याण विभाग के अफसरों ने भी मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के वचन पत्र पर काम भी शुरू कर दिया है।विभाग प्रस्ताव तैयार करने के साथ पेंशनभोगियों का जिलों से नया डाटा भी इकठ्ठा कर रहा है, ताकि पेंशनभोगियों की ताजा स्थिति पता चल सके।
इसके बाद विभागों का बंटवारा होते ही अनुमोदन के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा। वित्त से पास होते ही प्रस्ताव को कैबिनेट में पारित कर आगे की तैयारियां शुरु की जाएगी। खबर है कि बढ़ी हुई पेंशन अप्रैल से मिल सकती है ।हलांकि, इस योजना से सरकारी खजाने पर 4 सौ करोड़ रुपए बोझ पड़ना निश्चित है।वर्तमान में पेंशनभोगियों को तीन सौ रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है, जिस पर सरकार 120 करोड़ रुपए प्रति माह खर्च कर रही है।
बता दे कि शपथ लेने के बाद से ही मुख्यमंत्री कमलनाथ वचनपत्र में किए गए वादों को पूरा करने में जुट गए है। लगातार अधिकारियों और मंत्रियों को भी वादों को पूरा करने के लिए जुटने को कहा जा रहा है।बीते दिनों कैबिनेट बैठक में भी इस बात का जोर दिया गया था।माना जा रहा है कि कमलनाथ लोकसभा चुनाव से पहले वादों को पूरा कर आगे का मैदान तैयार करना चाहते है, जिसका फायदा वे उठा सके है।खबर है की तीनों राज्यों के वचन पत्र के वादों को पूरा करने के बाद कांग्रेस लोगों के बीच जाएगी और अपनी जीत के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।