भोपाल। कमलनाथ सरकार प्रदेश के मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने कुछ मापदंड भी तय कर दिए हैं। यही नहीं पुजारी बनने के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। सरकार ने तय किया है कि पुजारियों की नियुक्ति वंश के आधार पर होगी। मौजूदा सरकार का फैसला पूर्व की सरकार से थोड़ा अलग है। शिवराज सरकार चाहती थी कि पुजारियों के पद सभी वर्ग के लिए खोलो जाएं, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इससे हट कर फैसला लिया है कि नियुक्ति सिर्फ वंशवाद के आधार पर ही तय होगी।
दरअसल, कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति का वादा किया था। अब राज्य सरकार अपने वचन पत्र के मुताबिक वादे पूरे कर रही है। इसलिए सरकार ने वादों के लिए मानक तय करना शुरू कर दिए हैं। नए मानकों के मुताबिक पुजारियों की नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर होगी। यहीं नहीं राज्य सरकरा ने पुजारियों की शिक्षा का स्तर भी तय किया है। इसके लिए उन्हें पूजा विधि का सर्टिफिकेट कोर्स पास करना ज़रूरी होगा।
अध्यात्म विभाग ने पुजारियों की नियुक्ति, योग्यता, नियुक्ति की प्रक्रिया, उनके कर्तव्य, दायित्व, पद से हटाने और पद रिक्त होने पर व्यवस्था के संबंध में नियम बना लिए हैं। पुजारी के पद के लिए व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष होना चाहिए। वह शुद्ध शाकाहारी के साथ ही शराब न पीता हो। उसपर किसी भी मंदिर की जमीन हड़पने का आरोप न हो। इसके लिए सरकार ऐसे लोगों को वरीयता देगी जिनके परिवार में पिता पुजारी हों। उनके बेटे को इस पद के लिए प्रथमिकता मिलेगी।
कैसे होगी नियुक्ति
जिस मंदिर में पुजारी का पद खाली हो वहां के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए आवेदनकर्ता को आवेदन सराकर द्वारा निर्धारित फॉर्मेट में एसडीएम को देना होगा। आवेदन पत्र के साथ ही एक नोटरी भी देना जरूरी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अधिकारी एक सार्वजनिक सूचना जारी करके आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। अगर आपत्ति नहीं आती है तो पटवारी, नायब तहसीलदार और तहसीलदार से प्रतिवेदन लेकर पुजारी की नियुक्ति कर दी जाएगी।