कांग्रेस में नेता-कार्यकर्ता नहीं बचे, नाथ-दिग्विजय चुनाव लड़े या बेटों को मैदान में उतारे

Pooja Khodani
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bjp vd sharma

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में उपचुनाव (by-election) से पहले सियासी पारा चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष पर चुनावी रंग छाने लगा है और यही कारण है कि जुबानी जंग तेज हो चली है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (State President VD Sharma) का बड़ा बयान सामने आया है।शर्मा ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा है कि उपचुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय जी (Former Chief Ministers Kamal Nath and Digvijay) चाहें तो खुद ही लड़ लें और अपने बेटों को भी मैदान में उतार सकते हैं।

इतने पर ही शर्मा नही रुके और आगे कहा कि वंशवाद में डूबी कांग्रेस के पास अब न तो नेता बचे हैं और न ही कार्यकर्ता। कांग्रेस में न नेता हैं और न ही कार्यकर्ता बचे हैं। उम्मीदवार कहां से लाएंगे। अगर ऐसी स्थिति है तो कमल नाथ व दिग्विजय सिंह और उनके बेटे चुनाव लड़ लें। समूची भाजपा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।वही पेनड्राइव सियासत को लेकर शर्मा ने कहा कि कर्जमाफी को लेकर कमलनाथ जी ने एक पेन ड्राइव जारी की थी, लेकिन मीडिया के मित्रों ने उसकी पड़ताल की तो सारी पोल पट्टी खुल गई। कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है।

दरअसल,सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी ने मेहगांव और गोहद विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चर्चा की। बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, संभागीय संगठन मंत्री, पूर्व विधायकगण एवं जिलाध्यक्ष समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।वही उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर कहा कि सब लगभग तैयार है, कार्यकारिणी में योग्यता के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। भाजपा में सामूहिक निर्णय होते हैं। जल्द ही कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी।

बता दे कि एमपी की 27 सीटों पर उपचुनाव होने है, जिसमें से सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए  25 सीटों पर उम्मीदवार तय माने जा रहे है, और 2 सीटों पर मंथन जारी है। जल्द ही बीजेपी औपचारिक तौर पर इन नामों का ऐलान करेगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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