नेता प्रतिपक्ष ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, पोषण आहार मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग

Amit Sengar
Published on -

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह (leader of opposition dr govind singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए मध्य प्रदेश में वर्तमान में हुए पोषण आहार घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग की है।

अप्रैल 2018 से फरवरी 2021 तक मध्य प्रदेश में पोषण आहार वितरण में हुई अनियमितताओं का मामला राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। जहां कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार हवा दे रही है वहीं आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली में इस प्रदर्शन कर इस मामले में शिवराज सरकार को घेरा है। हालांकि खुद मुख्यमंत्री यह साफ कर चुके हैं कि इस सारे मामले में अनियमितताओं की दोषी कांग्रेस की सरकार है जिसने स्व सहायता समूह से कार्य वापस लेकर दोबारा एमपी एग्रो को सौंप दिया था।

नेता प्रतिपक्ष ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, पोषण आहार मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग

शिवराज सरकार ने इसे ठीक ही किया है। लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने उन्हें 71 वे जन्मदिन की बधाई दी हैं और नामीबिया से आए रहे चीतो को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने के लिए साधुवाद भी दिया है। डॉक्टर गोविंद सिंह ने पत्र में लिखा है कि “मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि देश में श्योपुर की पहचान अति कुपोषित (भुखमरी) जिले के रूप में है। यानि देश में सबसे ज्यादा अति कुपोषित बच्चे श्योपुर में है। आप अपने जन्म दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के माथे पर कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए कोई बड़ी घोषणा करेंगे, ऐसी मैं अपेक्षा करता हूं।”

गोविंद सिंह ने पत्र में यह भी लिखा है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी प्रदेश के माथे पर लगा कुपोषण का कलंक अभी भी नहीं मिटा है और कुपोषित बच्चों का पोषण आहार भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराएं ताकि भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लग सके।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News