भोपाल।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों की निगरानी का जिम्मा मंत्रियों को सौंपा है। एक एक मंत्री को पांच पांच विधायकों की जिम्मेदारी दी गई है, जो इन पर नगर रखेंगे और उनसे लगातार संपर्क बनाकर रखेंगे।इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल ने सरकार पर निशाना साधा और एक बार फिर सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार एक महीने भी चल पाएगी इस पर उन्हें शक है? हम कुछ नहीं करेंगे उनके कर्म ही उन्हें ले डुबेंगे।
दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों की शिकायत के बाद तय किया गया है कि सरकार के एक-एक मंत्री पर पांच-पांच विधायकों को जिम्मेदारी रहेगी। विधायक किसी भी समस्या को लेकर विधायक को अवगत कराएंगे। और मंत्रियों की जिम्मेदारी रहेगी की उनके समस्याओं का समाधान तुरंत कराएं। बताया जा रहा है कि विधायकों को एकजुट रखने की कवायद के तहत विधायकों को मंत्रियों की निगरानी में रखा जा रहा है, हालाँकि गृहमंत्री बाला बच्चन ने सरकार के इस फॉर्मूले पर कहा है कि सभी विधायक सरकार के साथ है और सरकार पूरे पांच साल चलेगी| सरकार को अस्थिर बताकर बीजेपी भ्रम फैला रही है। उनका कहना है कि मंत्रियों की तरह विधायकों को भी पॉवरफुल बनाया जा रहा है। इसी मुद्दे पर एक न्यूज चैनल स चर्चा करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि उन्हें शक है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक महीने भी चल पाएगी। हम कुछ भी नहीं करेंगे, सरकार के कर्म ही उसे ले डुबेंगे। जब उनसे सरकार बनाने के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले में अभी कुछ नहीं बोलेंगे। पार्टी हाईकमान इस बारे में निर्णय लेगा। हालांकि यह पहला मौका नही जब भार्गव ने इस तरह का बयान दिया हो इसके पहले भी वे सरकार गिराने को लेकर कई बड़े दावे कर चुके है।
गौरतलब है कि बीते दिनों एक्जिट पोल के नतीजें आने के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को भी पत्र लिखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी की चुनौती स्वीकार करते हुए फ्लोर टेस्ट के लिए हामी भर दी। वही रविवार को विधायक दल की बैठक में भी उन्होंने इस बात को दोहराया और कहा कि वे कई बार सदन में बहुमत साबित कर चुके और विपक्ष चाहेगा तो एक बार फिर से इसके लिए तैयार हैं। उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। विधायकों ने भी सरकार के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया।