लोकसभा इलेक्शन: घोषणा पत्र में एमपी के इन मुद्दों को भी शामिल करेगी कांग्रेस

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भोपाल

लोकसभा चुनाव में अब कम ही समय बचा है। चुनाव आयोग तारीखों का जल्द ऐलान करने वाला है। राजनैतिक पार्टियों की तैयारियां भी जोरों पर है। भाजपा-कांग्रेस भी टिकट मंथन के साथ घोषणा पत्र पर काम कर रही है। दोनों ही दल हर वर्ग के साथ किसान, युवा, महिलाओं और कर्मचारियों पर खास फोकस किए हुए है। बीजेपी जहां फिर से केन्द्र में सरकार बनाने में जुटी हुई है, वही तीन राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस भी केन्द्र में सरकार बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। खबर है कि लोकसभा चुनाव की तिथियों के ऐलान के फौरन बाद कांग्रेस अपना चुनाव घोषणापत्र जारी कर देगी। खास बात ये है कि इस बार कांग्रेस के घोषणा में एमपी के लिए भी कई सौगाते शामिल होने वाली है। ऐसे में उम्मीद है कि कांग्रेस एमपी को लेकर कई विशेष घोषणा कर सकती है।

दरअसल, विधानसभा जीत के बाद एमपी में कांग्रेस ने इस बार विन 29  का लक्ष्य रखा है।लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना चाहती है।इसके माना जा रहा है कि घोषणा पत्र में कांग्रेस एमपी के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है।प्रदेश के विकास को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र में कई वादे भी शामिल किए जा सकते है।खबर है कि पिछले महिने ही पार्टी ने समिति का ऐलान किया था। समिति ने एक महिने में कई कई स्वयंसेवी संस्थाओं और उद्योग प्रकोष्ठ के लोगों से चर्चा कर प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों को जाना है। इनमें रोजगार, शिक्षा, रेलों की संख्या से लेकर आम आदमी को राहत देने वाले सुझाव मिले है।इसके अलावा उद्योगपतियों से भी चर्चा की गई है, ताकी निवेश को लेकर प्रदेश में कई बेहतर अवसरों की तलाश की जा सके।बेरोजगारों के लिए काम करने वालों से भी समिति ने चर्चा की है। इन सुझावों को समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष विवेक तन्खा, मिनाक्षी नटराजन और नरेन्द्र नाहटा ने एकत्रित कर पार्टी हाईकमान को सुझाव भेजे है। 

बताया जा रहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय समिति अब इन मुद्दों पर विचार करेगी इसके बाद इन्हें घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।सुत्रों की माने तो प्रदेश में बडडे सरकारी उद्योंगों की स्थापना, बड़े शैक्षणिक संस्था खोलने का वादा कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है।घोषणापत्र में यह भी  बताया जाएगा कि कांग्रेस के लिए घोषणापत्र चुनाव के बाद भूल जाने वाले वादों और संकल्पों के पुलिंदे से कहीं ज्यादा महत्व रखता है। पिछले चुनाव खासकर विधानसभा चुनावों में पार्टी ने जो वादे किए थे, सरकार बनने पर उन्हें पूरा किया। आम चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आती है तो चुनावी वादों को पूरा किया जाएगा।

वही समाज के विभिन्न संगठनों और संस्थाओं ने भी अपने-अपने सुझाव घोषणापत्र समिति को भेजे हैं। इन सुझावों के आधार पर घोषणापत्र का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसमें पार्टी आम आदमी से जुड़े सभी मुद्दों को शामिल करते हुए योजनाएं लोगों को बताएगी। घोषणापत्र जारी करने के बाद पार्टी कुछ स्थानों पर चुनावी वादों पर बहस कराने की तैयारी भी कर रही है। इस बहस में आम लोगों को शामिल किया जाएगा, ताकि चुनावी वादों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। पार्टी यह साफ कर चुकी है कि वह लोकसभा चुनाव प्रचार में कृषि संकट, किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी और आंतरिक सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाएगी।

इन मुद्दों को शामिल कर सकती है कांग्रेस

-मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था में किसी तरह के बदलाव से परहेज करें, ताकि जातीय आधार पर सियासत न हो सके

-बेरोज़गारी की समस्या से निपटने के लिए परंपरागत रोज़गार को बढ़ावा दें. इसके लिए अधिनियम लाया जाए

-परंपरागत व्यावसाय राइट एक्ट लागू करें

-किसानों को उपज का सही दाम दिलाने के लिए सेंट्रल मंडी की स्थापना.

-पीडीएस सुधारने के लिए डि सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था लागू करें

-रक्षा से जुड़े मामलों में पॉलिटिकल बयानबाज़ी पर पूरी तरह से रोक

-स्वास्थ्य, सेवा और शिक्षा का पूरी तरह से राष्ट्रीयकरण कर समामता लाने

-उद्योगों को हर राज्य में प्रोत्साहित करने के लिए गवर्नेंट सेंट्रल पालिसी

-मनरेगा की तर्ज पर शहरी युवाओं के लिए रोजगार गारंटी कार्यक्रम


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