भोपाल। प्रदेश में तीसरे चरण की आठ लोकसभा सीटों पर 12 फरवरी को मतदान होने जा रहा है। मुरैना सीट सबसे संवेदनशील है, पिछले चुनावों की तरह यहां प्रत्याशियों को निगरानी में रखा जा सकता है। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से सख्ती बरती जा रही है। भोपाल में प्रमुख मार्गों पर चैकिंग पॉइंट के अलावा प्रमुख धार्मिक स्थल एवं प्रतिमाओं की चौकसी बढ़ाई गई है। साथ ही विशेष निगरानी के लिए 1200 से ज्यादा कैमरे, डायल 100 को भी तैनात किया गया है। सभी चुनाव क्षेत्रों में आला अधिकारी निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मैदान में डटे हुए हैं। वहीं उधर मतदान केंद्रों के लिए टीमों की रवानगी जारी है।
पिछले लोकसभा चुनाव में आयोग के निर्देश पर कांग्रेस, भाजपा एवं बसपा प्रत्याशियों को मतदान के दौरान पूरे समय तक नजरबंद रखा गया था। इससे पहले 2009 में भी प्रत्याशियों को एक साथ रखा गया था। इस चुनाव में एट्रोसिटी एक्ट का भिंड, मुरैना एवं ग्वालियर में भी असर है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अफसरों के साथ भिंड एवं मुरैना पहुंचकर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। मुरैना में सुरक्षा व्यवस्था पर जोर देने को कहा है। चुनावी तैयारियों को लेकर सीईओ आज शाम को मतदान वाले जिलों के कलेक्टरों से चर्चा करेंगे। रविवार को मुरैना, भिंड,ग्वालियर, गुना, राजगढ़, सागर, विदिशा एवं भोपाल में मतदान होना है।
चंबल में नाव से पेट्रोलिंग
चुनाव में सीमा पार से बाहरी लोगों के आवागमन पर निगरानी के लिए चंबल नदी में नाव से पेट्रोलिंग की जा रही है। खासतौर पर अवैध मादक पदार्थों, अवैध हथियार एवं अवैध धनराशि के परिवहन को कड़ाई से रोकने और असामाजिक तत्वों की धरपकड़ के लिए नदी में गश्त बढ़ाया गया है। चंबल से होकर मुरैना एवं श्योपुर में मादक पदार्थ एवं हथियारों की तस्करी होती है।
भिंड-मुरैना में 1221 मतदान केंद्र अति संवेदनशील
भिंड और मुरैना संसदीय क्षेत्रों में 1221 मतदान केंद्र अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इन अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर मतदान के दौरान निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए हैं। मतदान के दौरान यहां होने वाली हिंसा के इतिहास को देखते हुए निर्वाचन आयोग के मुख्य पदाधिकारी वीएल कांताराव ने शुक्रवार को इन क्षेत्रों में अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। जिला प्रशासन ने भिंड दतिया संसदीय क्षेत्र में 341 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा है। जहां सुरक्षा के लिहाज से जहां सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स के सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे। वहीं वेबकास्टिंग और सीसीटीवी कैमरा के जरिए निगरानी की जाएगी। पहलीबार पुलिस ने संवेदनशील मतदान केंद्रों के चार पड़ोसियों के नंबर भी एकत्रित किए हैं। ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना प्राप्त होने पर वस्तुस्थिति की जानकारी तत्काल की जा सके। भिंड जिले के 341 संवेदनशील मतदान केंद्र 168 लोकेशन पर हैं। जहां सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रहेगा। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए 10 सीपीएमएफ की कंपनियां जिले को मिल चुकी हैं। साथ ही 1500 जवान एसएएफ और 950 जवान जिला पुलिस बल के तैनात रहेंगे।
भोपाल में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात
भोपाल में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आरएएफ, होमगार्ड एवं जिला बल समेत करीब 9 हजार पुलिस अफसर-कर्मचारियों को तैनात किया गया है। राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों में 17 स्थानों पर नाकाबंदी कर लगातार चैकिंग की जा रही है। साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में 3-3 फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (एफएसटी) एवं स्टैटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) 24 घंटे अलर्ट है। जिले में 200 सेक्टर मजिस्ट्रेट की मोबाइलों के अलावा 200 पुलिस सेक्टर मोबाइल बनाई गई हैं। जो 10 से 12 केंद्रों पर लगातार पेट्रोलिंग करेंगी। डायल-100 (एफआरवी) की 50 गाडिय़ां और 11 बाइक (मिनी एफआरवी) भी तैनातह है। साथ ही 1200 सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है।