भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंपी वायरस राजस्थान और गुजरात में पूरी तरह पैर पसार चुका है और अब मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में भी इस वायरस के संक्रमण के मामले देखने को मिल रहे हैं। हालांकि मध्यप्रदेश में इस समय पशुधन की मृत्यु दर बाकी राज्यों से काफी कम है लेकिन फिर भी इस वायरस के चलते सभी पशुपालक काफी चिंतित है। बीमारी के लिए टीकाकरण मौजूद न होने की वजह से सरकार और पशुपालक दोनों को ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इस वायरस के संक्रमण को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशुओं को लगने वाले सभी टीमों को निशुल्क कर दिया है। साथ ही संक्रमण क्षेत्रों में टीकाकरण और तेजी से करने के आदेश दिए हैं।
सीएम ने कहा कि हमारे पशुधन पर लंपी वायरस के रूप में बड़ा संकट आया है। प्रदेश में गौ माता की सेवा और संरक्षण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में लंपी वायरस को नियंत्रण करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हमारे पशु चिकित्सक पशुओं के उपचार एवं रोग के संबंध में आवश्यक परामर्श के लिए उपलब्ध है। मुझे विश्वास है कि कोविड-19 की तरह हम यह लड़ाई भी जीतेंगे।
लंपी वायरस को हराने के लिए हम गौ सेवकों, जनप्रतिनिधियों और समाज के अन्य लोगों के साथ मिलकर हम हर संभव उपाय करेंगे। मेरा पशुपालक भाइयों बहनों से निवेदन है कि संकट की इस घड़ी में सरकार आपके साथ है आप सब बिल्कुल चिंता ना करें।
आपको बता दें लंपि वायरस मुख्यतः गाय और भैंसों पर अपना असर दिखाता है। इसके चलते पशु के शरीर पर छोटी-छोटी गांठें बनने लगती हैं। समय के साथ उपचार ना होने से यह गांठें बड़ी होने लगती हैं। इसका असर सबसे पहले पशु की दूध की क्षमता पर पड़ता है। धीरे धीरे पशु कमजोर होने लगता है और खाना पीना बंद कर देता है। जिसके बाद उसकी मृत्यु भी हो सकती है। कोरोना की तरह ही यह रोग भी स्वस्थ पशु के संक्रमित पशु के संपर्क में आने से फैल सकता है। इसको लेकर सरकार ने मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में धारा 144 भी लागू कर दी है और वायरस की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।