समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू, फसल को छानकर और सुखाकर लाएं किसान

Published on -

भोपाल। किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी प्रारंभ हो गई है। पहले दो दिवस में ही 119 कृषकों द्वारा 5 हजार क्विंटल गेहूँ विक्रय किया गया। रबी विपणन वर्ष 2019-20 में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से गेहूँ के साथ-साथ चना, मसूर और सरसों उपार्जन के लिये आवश्यक तैयारियाँ भी की जा रही है। किसानों और समितियों को एफएक्यू की जानकारी दी जा रही है कि वे अपनी उपज को पंखा-छन्ना लगाकर तथा सुखाकर लाएं।

भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू स्तर के अनुसार चने में खेसरी/तिवड़ा का मिश्रण स्वीकार नहीं किया जाता है। कृषकों से कहा गया है कि वे केवल गुणवत्तायुक्त चना ही उपार्जन के लिये लेकर आएं। यह भी अपील की गई है कि कृषक असुविधा से बचने के लिये यथासंभव एसएमएस प्राप्त होने पर ही अपनी उपज तौल के लिये लायें।

गेहूं खरीदी के बढ़ाए केंद्र 

गेहूँ उपार्जन के लिये विगत वर्ष की संख्या से अधिक उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। केन्द्र निर्धारण में कृषकों की सुविधा को देखते हुए कृषकों की संख्या, मात्रा और दूरी का विशेष ध्यान रखा गया है। गेहूँ विक्रय के लिये मण्डियों में भी प्रभावी व्यवस्था की गई है। भण्डारण सहित कृषकों को समय-सीमा में भुगतान के लिये आवश्यक व्यवस्था की जा रही है।


160 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा बोनस

भारत सरकार ने गेहूँ का समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, लेकिन प्रदेश सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों का गेहूँ खरीदेगी। यह बढ़ी हुई 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार अपने बजट से देगी।  यह प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूँ बेचेंगे। प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूँ बेचने का बंधन नहीं होगा। आचार संहिता लगने से पहले इसके आदेश जारी किये जा चुके हैं| मंडियों के साथी ही उपार्जन केंद्रों पर गेंहू की आवक शुरू हो गई है| हालाँकि अभी तेजी नहीं आई है, क्यूंकि कई क्षेत्रों के किसानों का गेंहूं कटा नहीं है| 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News