लखनऊ में ‘‘मेरी माटी, मेरा देश’’ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की बाग कला का हुआ प्रदर्शन

Published on -

BHOPAL NEWS : लखनऊ में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च की तरफ से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर की पूर्व संध्या पर ‘‘मेरी माटी, मेरा देश’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 16 से 18 सितंबर तक किया जा रहा है। कार्यक्रम में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कलाकारों की प्रदर्शनी लगाई गई है। कार्यक्रम में देश भर से कुल 7 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिल्पकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। जिसमे मध्यप्रदेश के धार जिले की बाग प्रिंट कला के युवा शिल्पकार अंतर्राष्ट्रीय यूनेस्को पुरस्कार विजेता मोहम्मद आरीफ खत्री को भी आमंत्रित किया गया है। बाग प्रिंट शिल्पी मोहम्मद आरीफ खत्री एवं हामीद जिलानी खत्री ने वहा मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों तथा उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च के छात्र-छात्राओं को बाग प्रिंट का लाइव डेमोस्ट्रेशन दिया एवं बाग प्रिंट को बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया को समझाया।

दी बाग प्रिन्ट की जानकारी 
इस अवसर पर उपस्थित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, उत्तर प्रदेश सरकार के लोक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई विभाग के यूपीआइडीआर की अध्यक्ष शिप्रा शुक्ला, दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर संगीत कुमार रागी को आरीफ खत्री ने बाग प्रिंट की जानकारी प्रदान कर इस कला की बारीकियों से अवगत कराया। सभी मौजूद सम्माननीय गणों ने श्री आरीफ खत्री के कार्य को सराहा और काफी प्रसंशा की। विनय सहस्रबुद्धे ने बाग प्रिंट का ठप्पा लगाया और बाग प्रिंट से जुड़ी जानकारी को विस्तार से समझा। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने श्री आरीफ खत्री के कार्य को काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि आरिफ भाई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी है, इन्होंने मध्यप्रदेश एवं पूरे भारत का नाम रोशन किया है।

मिट्टी से जुड़े कारीगर 
इस अवसर पर यूपीआईडीआर की चेयरमैन शिप्रा शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम को रखा गया है। जिनमें कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी कला कौशल से जुड़ी प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि यह दिन हम हमारे कारीगरों को समर्पित करना चाहते थे क्योंकि ये कारीगर मिट्टी से जुड़े है और उनकी कला भी मिट्टी से जुड़ी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को अपनी मिट्टी और कला संस्कृति से जोड़ना है।


About Author

Sushma Bhardwaj

Other Latest News