भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला तेजी से चल रहा है। आए दिन नेता हवाओं का रुख देखते हुए एक दल से दूसरे दल में जंप कर रहे है। बीते पांच महिनों में दर्जनों नेता पाला बदल चुके है। हालांकि यह सिलसिला अभी का नही बल्कि विधानसभा से ही चल रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी सैकड़ों नेताओं ने कांग्रेस से बीजेपी और बीजेपी से कांग्रेस ज्वाइन की।वही लोकसभा में भी यह क्रम जारी रहा। हाल ही में सैकड़ों बड़े नेताओं ने दल बदले। इनमें बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं की संख्या ज्यादा रही।इससे कांग्रेस मजबूत भी हुई है और कही ना कही बीजेपी कमजोर पड़ी है। वही बसपा ने भी अपने कई बड़े नेताओं को खोया।इससे बसपा सुप्रीमो मायावती भी नाराज हो गई है । वही बीजेपी ने भी नेताओं पर कार्रवाई की है। खास बात तो ये है कि दोनों ही दलों ने दल-बदलुओ को टिकट भी दे दिए है और जीत की उम्मीद लगाए बैठे है।अब देखना है कि भाजपा को अब और कितने झटके लगना बाकी है और कांग्रेस में कितनों की वापसी होती है।
लोकसभा से पहले इन बीजेपी नेताओं ने बदले दल
हाल ही में भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रहे जितेंद्र डागा ने भी हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। डागा का आरोप था कि भाजपा में उनकी उपेक्षा हो रही थी। वही युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया भी कांग्रेस की तरफ रुख कर लिया हैं। बीते दिनों प्रमिला सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। अब वे शहडोल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि कांग्रेस को भी थोड़ा नुकसान हुआ। आदिवासी राज परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिमाद्री सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई।वही शिवराज सरकार में मंत्री रहे डॉ. राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल और कटनी के भाजपा नेता करण सिंह चौहान भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल, पूर्व विधायक चौधरी राकेश सिंह, पूर्व विधायक निशिथ पटेल और पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया जैसे बड़े नेताओं ने भी दल बदले है और कईयों की घर वापसी हुई।
बसपा को भी कम नही लगे झटके
बीजेपी के साथ साथ बसपा भी झटकों से उभर नही पा रही है। आए दिन नेता हाथी से उतरकर हाथ थामने में लगे हुए है। इसकी सबसे बड़ी जीत सिंधिया के गढ़ मे देखने को मिली। हाल ही में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लोकेंद्र सिंह राजपूत कांग्रेस में शामिल हुए। जिसको लेकर बसपा सुप्रीमों भी नाराज हो गई थी और उन्होंने कांग्रेस को समर्थन पर फिर से विचार करने तक की चेतावनी दे डाली थी।इससे पहले बसपा के पूर्व विधायक फूलसिंह बरैया पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वही बसपा के पूर्व विधायक सत्यप्रकाश, करेरा से बसपा के पूर्व विधायक लाखन सिंह बघेल, पार्टी के पूर्व विधायक बलबीर सिंह डंडौतिया, बसपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप अहिरवार और पूर्व विधायक ऊषा चौधरी भी कांग्रेस में शामिल हो चुके है।
विधानसभा के पहले इन नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ
दल बदलने का सिलसिला विधानसभा चुनाव के पहले से ही जारी है। चुनाव के पहले टिकट न मिलने के चलते नाराज पूर्व लोनिवि मंत्री सरताज सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बीजेपी के खिलाफ होशंगाबाद से चुनाव लड़ा था।लेकिन वे हार गए थे। इसके साथ ही तेंदूखेड़ा के विधायक संजय शर्मा और पूर्व मुख��यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।दोनों ने बीजेपी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा लेकिन सफल नही हो पाए।