भोपाल। मध्यप्रदेश के सीहोर डिस्ट्रिक्ट के छोटे से गांव की रहने वाले किसान की बेटी ने पूरे विश्व मे देश और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है| 24 साल की मेघा परमार प्रदेश की पहली महिला बनी हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की सफल चढ़ाई की| मेघा ने 22 मई की सुबह पांच बजे एवरेस्ट समिट कंप्लीट किया था| मेघा का एवरेस्ट क्लाइम्बिंग का यह दूसरा अटेम्प्ट था। मेघा के पहले अटेम्प्ट में उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर आ गया था…. जिसके बाद भी मेघा ने हार नही मानते हुए दूसरे अटेम्प्ट में एवरेस्ट को फतह कर लिया|
एवरेस्ट तक का सफर संघर्षपूर्ण रहा
मेघा ने वो कर दिखाया है जो अच्छे अच्छे लोग अपने ख्वाब में नहीं सोच पाते हैं….मेघा ने बताया कि चोटी के शिखर पर पहुंचने के बाद दुनिया के गोल होने का अहसास उन्हे हुआ….. मेघा ने 2018 में भी माउंट एवरेस्ट समिट किया था, लेकिन समिट का सर्टीफिकेशन नहीं हो पाया था। इस कारण इस साल मेघा दोबारा माउंट एवरेस्ट समिट करने गई थीं।
वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव आर एस मोहंती ने मेगा को बधाई देते हुए कहा है कि पूरे प्रदेश को मेघा पर गर्व है कि एक छोटे से गांव के गरीब परिवार की बेटी आज मध्यप्रदेश के गौरव के रूप में जानी जा रही है| मेघा के लिए बहुत सी कंपनियों ने CSR से फंडिंग की। किसी से भी कैश में पैसा नही लिया लोगो ने सीधे चेक से मेघा के खाते में पैसे डाले जिसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को है| बता दें कि 8-10 कंपनियों ने पिछली बार भी फंडिंग की थी और कुछ कंपनियों ने इस बार फंडिंग की| मध्यप्रदेश शासन की तरफ से भी मेघा को 15 लाख रुपए दिए जाएंगे|