प्रभारी मंत्री होंगे ‘पावरफुल’, विधायकों की पसंद से होंगे तबादले

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भोपाल।  लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद प्रदेश में एक बार फिर थोकबंद तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि इस बार तबादले उस तरह से नहीं होंगे, जिस तरह से आचार संहिता लागू होने से पहले हुए थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले तक जरूरी तबादले करने की सहमति दे दी है। साथ ही जो विभाग आचार संहिता लागू होने की वजह से तबादला आदेश नहीं निकाल पाए थे, वे तबादले कर सकेंगे। सोमवार आधी रात को शासन ने आईएएस अधिकारियों के तबादले किये और छह जिलों के कलेक्टर बदले गए| 

अब जिला और संभाग में पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए विधायकों की राय प्रमुख होगी| विधायकों की नाराजगी के बाद सीएम ने तबादलों में विधायकों की राय को प्रमुखता दिए जाने को कहा है|  बताया जा रहा है कि विधायकों की नाराजगी और उन्हें साधने के तहत यह पूरी कवायद की जा रही है| सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रभारी मंत्रियों को पॉवरफुल बनाने पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री जिलों में ध्यान दें। विधायकों को अपने छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान न होना पड़े। इसके लिए अधिकार बढ़ाए जा रहे हैं। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के जिले के भीतर तबादले का अधिकार प्रभारी मंत्री के पास रहेगा। अब विधायकों की पसंद से प्रभारी मंत्री तबादले कर सकेंगे| 


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