मंत्रालय में पिछले डेढ़ हफ्ते में दो कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद अब कर्मचारियों में खौफ का माहौल है। इनमें से एक आउटसोर्स कर्मचारी की मौत के बाद तो जैसे यहां हड़कंप की स्थिति है। ऐसे में अब मंत्रालय कर्मचारी संघ ने साफ कह दिया है कि अगर यहां केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ तो वो लोग काम बंद कर देंगे।
मंत्रालय कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है कि मंत्रालय प्रशासन इस मुद्दे पर बिल्कुल गंभीर नहीं है। जहां दोनों कोरोना संक्रमण के केस पाए गए हैं उन सेक्शन को न तो खाली कराया गया है, न ही वहां काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों को क्वारेंटाइन किया गया है। इसी के साथ न तो मंत्रालय में सेनेटाइजर की व्यवस्था है न ही साबुन और मास्क की उपलब्धता है। यहां सोशल डिस्टेंस का पालन भी नहीं हो रहा है। ऐसे में संघ ने कहा है कि कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंत्रालय प्रशासन को यहां स्थित दफ्तर बंद करवाना चाहिए, और अगर उन्होने ऐसा नहीं किया तो कर्मचारी तीन दिन के बाद खुद काम बंद कर देंगे।
बता दें कि 28 मई को पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज के सामने आने के बाद से ही यहां कर्मचारियों में भय का माहौल है। एक कर्मचारी की कोरोना से मौत के बाद मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने अपर मुख्य सचिव से जीएडी के दिए निर्देशों को पालन करने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा था। दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने के निर्देश दिए थे जबकि अब कुल 100 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाया जा रहा है। जिसके बाद मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक सहित अन्य अधिकारियों ने इसपर विरोध दर्ज कराया था और अपर मुख्य सचिव से जीएडी के दिए निर्देशों को पालन करने की मांग की थी। इससे पहले मंत्रालय कर्मचारी संघ ने सीएम शिवराज को भी एक पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना के खिलाफ जो लड़ाई पूरे प्रदेश में चल रही है मंत्रालय उस लड़ाई का वॉररूम है। लेकिन इस लड़ाई के वॉररूम (war room) में ही कोरोना संकट को अधिकारियों द्वारा बिल्कुल लापरवाही से लिया जा रहा है। अब एक बार फिर कर्मचारी संघ भी इस मामले में खुलकर सामने आ गया है और काम बंद करने की चेतावनी दे दी है।