MP: अब लोकसभा पर बीजेपी का फोकस, मंत्री-विधायकों से मांगा तैयारियों का रोडमैप

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भोपाल

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। पार्टी हाईकमान ने नेताओं से लोकसभा चुनावी तैयारियों को लेकर 15 दिसबंर तक अपना प्लान तैयार कर भेजने का कहा है। हाईकमान ने मिशन 2019  के लिए मंत्रियों, विधायक और सांसदों से राय मांगी है। पार्टी हाईकमान का आदेश है कि सांसद, मंत्री, विधायक हर दिन करीब 10 किमी की पैदल यात्रा करे और मोदी सरकार की योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाए। 

 सेमीफाइनल के नतीजे कुछ भी हों, फाइनल में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। मई में मोदी सरकार को कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों के नतीजे अच्छे रहेंगे, लेकिन यदि उनमें कोई कमी रह भी जाती है तो पार्टी उससे विचलित नहीं होगी। इसके लिए पार्टी 26  जनवरी तक करीब दस बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इससे नेता सीधे जनता से रुबरु होंगें। इनमें से कुछ कार्यक्रम केन्द्रीय नेतृत्तव मे तैयार किए गए है तो कुछ राज्य स्तर पर।

इन कार्यक्रमों में मतदाता सूची परीक्षण, टोली यात्रा, अभिनंदन समारोह, पुनरीक्षण,बाइक रैली, संपर्क अभियान और पदयात्रा शामिल है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भाजपा का उद्देश्य लोगों को बूथ स्तर तक जोड़ना है। कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव से ज्यादा सतर्क रहने को कहा गया है। जल्द ही सर्वे कराने की बात हो रही है। दिल्ली को लगातार रिपोर्ट भेजी जा रही है। कांग्रेस इस मामले में अभी थोड़ा पीछे जरूर है पर लोकसभा की तैयारी को लेकर सतर्क भी दिख रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान जो माहौल बना है उसे दोनों दल लोकसभा चुनावों तक बनाए रखना चाहते हैं। कार्यकर्ताओं को एकजुट रखकर लगातार फील्ड में सक्रिय रहने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

कमल ज्योति विकास महाभियान

इसके साथ ही पार्टी ने उन लोगों पर खास ध्यान देने को कहा है जिनका नाम विधानसभा की मतदाता सूची में रहा लेकिन वो मतदान करने नही पहुंचे।वही मतदाता सूची को सही करने, फर्जी मतदाताओं को हटाने के साथ साथ नए मतदाताओं का नाम लिस्ट में जुड़वाने की बात कही गई है। इसके लिए चुनाव आयोग से मुलाकात कर उस मामले में अवगत कराने को कहा है। इसके बाद 26 जनवरी को कमल ज्योति विकास महाभियान के द्वारा कार्यकर्ता प्रदेश भर में केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभाविंत हो रहे परिवारों से मिलेंगे। इसके बाद भी अगर मतदाता की कोई नारजगी होगी तो उसको हल करने का प्रयास करेंगे। इनमें उन परिवारों को चुना गया है जिन्हें मोदी सरकार ने आवास, गैस, बिजली, इलाज के लिए बीमा तथा स्वरोजगार के लिए ऋण देकर लाभार्थी बनाया गया है।  उनसे संपर्क स्थापित कर कमल का दीपक एवं केन्द्र सरकार की योजनाओं का पत्रक देंगे। 26 जनवरी की शाम तय समय पर समय सभी परिवार से कमल रूपी दीपक जलाकर एक बार फिर से 2019 में मोदी सरकार को लाने के लिए संकल्प करायेंगे। 

सेमीफाइनल के बाद फाइनल

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इसके बाद कोई और चुनाव नहीं है। अब सीधे लोकसभा चुनाव होंगे। विधानसभा चुनाव उन राज्यों में हो रहे हैं जहां भाजपा की स्थिति मजबूत है। तेलंगाना और मिजोरम को छोड़कर अन्य तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में 2014 में भाजपा ने एकतरफा बढ़त हासिल की थी। इन चुनावों को सेमीफाइनल मानकर ही प्रचार के दौरान दोनों बड़े दलों के नेताओं ने राष्ट्रीय मुद्दों को हवा भी दी। कई बड़े नेताओं ने खुद मैदान में उतरकर मोर्चा संभाला और अपनी पैठ जमाई।भाजपा नेता गांधी परिवार पर हमलावर रहे तो कांग्रेस नोटबंदी, राफेल और जीएसटी, कर्जमाफी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरती रही।


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