भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
प्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले 27 सीटों के उपचुनाव (By-election) में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल (Gwalior Chambal) संभाग की है। इन सीटों पर होने वाला उपचुनाव दोनों ही पार्टियों (बीजेपी-कांग्रेस) के लिए सिर्फ हार जीत का नहीं बल्कि नाक का सवाल भी बनी हुई हैं। वैसे तो कई मुद्दे इस चुनाव में हावी रहने वाले हैं, इसमें सबसे ज़्यादा जो मुद्दा हावी रहने वाला है वो मुद्दा है जाति (Cast) का। चंबल ग्वालियर की सीटों पर सबसे ज़्यादा अगर कोई फैक्टर हावी है तो वो है जातिगत समीकरण का गणित।
इस क्षेत्र में हर एक विधानसभा सीट जाति समीकरण को ध्यान में रखकर टिकट बांटे जाते है। भाजपा नेता सिंधिया के उम्मीदवारों का टिकट इस क्षेत्र से फाइनल है परन्तु कांग्रेस के उम्मीदवार अभी लाइन में है। भाजपा और कांग्रेस दोनों भीतरघात से बचने अपने वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों को साधने में लगी हुई है।
ग्वालियर-चंबल अंचल की 34 में से एक भी सीट ऐसी नहीं है, जहां बात जाति के बिना होती है। 34 विधानसभा सीटों में से 16 सीटों पर उपचुनाव होने है। इन 34 सीटों में से यहां पर 11 सीटों पर ठाकुर विधायक (Thakur MLA), 3 पर ब्राह्मण (Brahman) और एक सीट पर बनिया वर्ग (Treadsman Class) का विधायक चुना गया है। बाकी अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाती-जनजाति वर्ग (Backward Classes And Scheduled Tribes) के विधायक चुने गए है। ऐसे में इस में कोई दो राय नहीं होंगे कि कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों के चयन का आधार जातिगत रखे। वहीं बीजेपी के प्रत्याशी लगभग पूरे तय है इसलिए उसे इस पर मशक्त करने की उतनी आवश्यकता दिखाई नहीं पड़ रही है।
बसपा वोट बैंक है हावी
ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में आरक्षित वर्ग (Reserved Class) का वोट बैंक (Vote Bank) पूरी तरह से हावी रहता है। अधिकतर सीटें जहां से कांग्रेस जीती है वहां पर बीएसपी (BSP) दूसरे नंबर पर रही है। आम राजनीतिक धारणा यही है कि बसपा अगर दमदारी से लड़ती है तो कांग्रेस को घाटा और बीजेपी को फायदा होता है। लेकिन ग्वालियर चंबल में यह पूरी तरह से सटीक नही है। बीजेपी भी बसपा की मार से कई सीटों पर शिकस्त खाती रही है। मुरैना सीट पर उसकी हार बसपा के कारण ही हुई है। पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा ने बीजेपी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। हालांकि यहां बसपा प्रत्याशी हर बार जीतते तो नहीं है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस का गणित जरूर बिगाड़ देते है। कुल मिलकर बसपा के चुनावी मैदान में आने से अंचल के चुनावी समीकरण अधिकतर जगह त्रिकोणीय हो गए है। बीजेपी कांग्रेस के टिकट से वंचित नेताओं के लिए बसपा ने अपने द्वार खोल कर मतदाताओं के सामने तीसरी पसन्द भी उपलब्ध करा दी है।
कहीं-कहीं गणित काफी दिलचस्प
हालांकि जातिगत समीकरण सिर्फ दलित वोट पर निर्भर नहीं करते। मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना और चंबल की लगभग सारी सीटों पर सिकरवार, गुर्जर, राजपूत, ब्राह्मण अलग अलग तरह से हावी रहे हैं। लेकिन कहीं-कहीं ये गणित काफी दिलचस्प हो जाता है, जैसे कि मुरैना की दिमनी सीट पर सबसे ज़्यादा दबदबा राजपूत वोटर्स का है लेकिन वहां से जीतने वाला ब्राह्मण प्रत्याशी है।
जाटव समुदाय सबसे बड़ा वोट बैंक
इस क्षेत्र में आरक्षित वर्ग के लोगों का वोट काफी महवपूर्ण रहा है। लेकिन इनका वोट हमेशा से बंटा हुआ रहा है। ग्वालियर चंबल में सबसे ज्यादा वोट जाटव (Jatav) समाज के लोगों का है। बताया जाता है कि यहां की 34 में 16 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जाटव समुदाय के 6 लाख से ज्यादा वोटर है। जिसमने से अकेले मुरैना की पांच विधानसभा सीटों पर ढाई लाख से ज्यादा जाटव वोटर है। कहा जाता है इनको जिसने भी साध लिया वह अपनी जीत का दावा कर सकता है।
इन 16 सीटों पर होने है चुनाव
मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, लश्कर पूर्व, डबरा, मुरैना, जोरा, दिमनी, अंबाह, सुमावली, भांडेर, पोहरी, करेरा, मुंगावली, अशोक नगर, बमोरी। वहीं अगर प्रत्याशियों की बात करें तो 16 में से 15 सीटों पर बीजेपी के नाम लगभग तय है। जौरा सीट के कांग्रेस विधायक बनवारीलाल शर्मा के निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई थी। इस सीट पर अभी बीजेपी प्रत्याशी पर मंथन कर रही है। वहीं कांग्रेस जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों का चयन करेगी। अभी तक इन 16 सीटों पर जो संभावित नाम निकल कर आए है वो है :
संभावित उम्मीदवार
1 – मेहगांव- ओ पी एस भदोरिया बीजेपी vs राकेश चौधरी
2 – गोहद- रणवीर जाटव भाजपा vs संजू जाटव/रामनारायण हिण्डोलिया
3 – ग्वालियर- प्रद्युमन सिंह तोमर भाजपा बागी vs सुनील शर्मा
4 – लश्कर पूर्व- मुन्नालाल गोयल भाजपा बागी vs सतीष सिकरवार/समीक्षा गुप्ता
5 – डबरा- इमरती देवी भाजपा बागी vs वृंदावन कोरी
6 – मुरैना- रघुराज कंसाना भाजपा बागी vs राकेश मावई
7 – जोरा उपचुनाव, पंकज उपाध्याय
8 – दिमनी- गिर्राज दंडोतिया भाजपा बागी vs रविंद्र सिंह तोमर भडोसा
9 – अंबाह- कमलेश जाटव बागी भाजपा vs सत्यप्रकाश सखवार
10 – सुमावली – ऐडल सिंह कंसाना बागी भाजपा vs अजब सिंह कुशवाह/वृन्दावन सिंह सिकरवार
11 – भांडेर- रक्षा सिरो निया vs अन्नु भारती/फूल सिंह बरैया
12 – पोहरी- सुरेश राठ खेड़ा vs कैलाश कुशवाह/हरीवल्लभ शुक्ला
13 – करेरा- जसवंत जाटव vs प्रयागिलाल जाटव,
14 – मुंगावली- ब्रजेंद्र सिंह यादव vs बाई साहब यादव
15 – अशोक नगर- जजपाल सिंह जज्जी vs अनिता दोहरे
16 – बमोरी- महेंद्र सिंह सिसोदिया vs के.एल.अग्रवाल