सीएम शिवराज ने कहा है कि हर अधिकारी/ कर्मचारी को नियत समय से ही वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। लेकिन इस समय कोविड संकट के चलते जनहित में वेतन वृद्धि का वास्तविक लाभ स्थितियां सामान्य होने पर ही मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा प्रदेश को कोरोना संकट से बाहर निकालने के उद्देश्य से सभी अधिकारी/कर्मचारी सरकार के इस निर्णय का समर्थन और सहयोग करेंगे।
चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा मप्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस समय मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण के चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। सरकार ने कोविड-19 से बचाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। एक और राज्य के बजट का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य कोविड कार्यों पर खर्च हो रहा है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण राज्य की आय में कमी आई है।
अधिकारी कर्मचारी शासन व्यवस्था की रीड की हड्डी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अधिकारी कर्मचारी शासन व्यवस्था की रीड की हड्डी है, जिन्होंने हर कठिन समय में सरकार का हमेशा साथ दिया है। सरकार भी अपने कर्मचारियों का वाजिब हक और हित दोनों सुनिश्चित करने के लिए ना कभी पीछे हटी है और ना कभी पीछे हटेगी।
वेतन वृद्धि, डीए, सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त भी अटकी
गौरतलब है कि राज्य के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को जुलाई 2020 से 3.3 प्रतिशत इंक्रीमेंट दिया जाना है, इससे राज्य सरकार पर 900 करोड़ रुपए अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, इसे देखते हुए वित्त विभाग ने पांच दिन पहले ही आईएफएमएस सॉफटवेयर से इंक्रीमेंट ऑप्शन को ब्लॉक कर दिया था, अगर सरकार की तरफ से कर्मचारियों को एरियर्स और इंक्रीमेंट नहीं दिया जाएगा, तो उन्हें प्रतिमाह 3 से 4 हजार रुपए का नुकसान होगा। वहीं, आईएफएमएस सॉफटवेयर से इंक्रीमेंट ऑप्शन के ब्लॉक किए जाने से ट्रेजरी अफसरों ने वित्त विभाग को पत्र लिखा है, साथ ही साथ वेतन और भत्तों पर लगने वाले ट्रेजरी की भी शिकायत की है। इस देरी के चलते कर्मचारियों में निराशा है। बीते समय मे कोरोना संकट को देखते हुए कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी और अंतिम किस्त का एरियर देने पर सरकार ने रोक लगा रखी है। अब तक मई में मिलने वाले सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त भी अटकी हुई है।