बाबा साहब के सम्मान की बात करते करते ये क्या कह गए जीतू पटवारी, BJP ने कसा तंज

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने लिखा -आखिर सच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जुबान पर आ ही गया, दशकों से जिस कांग्रेस ने भारतरत्न बाबासाहेब डाॅ. अंबेडकर जी का तिरस्कार किया है, उसने एक बार फिर से संविधान के प्रणेता अंबेडकर जी का अपमान करने का प्रण ले लिया है।

Atul Saxena
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Bjp took jibe on Jitu patwari:  मध्य प्रदेश कांग्रेस 27 जनवरी को महू में जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा निकलने जा रही है, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी इस यात्रा में शामिल होने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान करने उनके पास पहुंच रहे हैं आज वे खंडवा में जब कार्यकर्ताओं के बीच थे तो बाबा साहब के सम्मान की बात करते करते उनकी जुबान फिसल गई … जीतू पटवारी के इस बयान पर भाजपा ने तंज कसा है।

जीतू पटवारी ने खंडवा में कहा हमें कांग्रेस को मजबूत करना है, निचले स्तर तक पार्टी को मजबूत करना है, भाजपा के विचार से लड़ने के लिए हमें कांग्रेस पार्टी और उसके विचार को मजबूत करना है, इसलिए 27 जनवरी को सबको बड़ी संख्या में महू पहुंचना है, परिवार सहित महू पहुंचना है।

बाबा साहब के अपमान को जो हम शुरुआत कर रहे ….

जीतू पटवारी ने कहा हमें महिलाओं के लिए कांग्रेस में जगह बनानी है, युवाओं के लिए जगह बनानी पड़ेगी, गरीब के लिए दलित के लिए जगह बनानी पड़ेगी इसी विचार को जीते हुए राहुल गांधी प्रियंका गांधी खड़गे जी महू आ रहे है इतना कहते कहते जीतू पटवारी ने कहा 27 जनवरी से महू में बाबा साहब के अपमान की जो हम शुरुआत कर रहे हैं उसमें आयेंगे कि नहीं हाथ ऊपर करके बताओ ।

BJP का तंज- आखिर सच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जुबान पर आ ही गया

भाजपा ने जीतू पटवारी के इस बयान पर तंज कसा है, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने X पर जीतू पटवारी के इस बयान को पोस्ट करते हुए लिखा- आखिर सच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जुबान पर आ ही गया, दशकों से जिस कांग्रेस ने भारतरत्न बाबासाहेब डाॅ. अंबेडकर जी का तिरस्कार किया है, उसने एक बार फिर से संविधान के प्रणेता अंबेडकर जी का अपमान करने का प्रण ले लिया है। यही कांग्रेस का असली चरित्र है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अपने इस निंदनीय बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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