भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने स्कालरशिप के फंड को गलत खाते में डाल भेज दिया। जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है। बैंक द्वारा कई बार विभाग को इस संबंध में चेतावनी दी गई थी कि बैंक खाते को अपडेट करें। लेकिन कर्मचारियों ने इसको दरकिनार कर 22.5 करोड़ रुपए भेजे हैं। इस पूरे प्रकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक ने नाराजगी जाहिर की है। 2018-19 की छात्रवृत्ति के लिए 122 करोड़ रुपये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए थे। निदेशक ने अब जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए उन्हें छात्रों का सही बैंक डिटेल अपडट करने के लिेए सात दिन का समय दिया है ।
स्कूलों को वर्ष 2019-20 के लिए समाग्र शिक्षा पोर्टल पर छात्रों के प्रोफाइल और नामांकन को अपडेट करने के लिए भी निर्देशित किया गया है ताकि विसंगति को दोहराया न जाए। एक समीक्षा बैठक के दौरान, यह पाया गया कि टीकमगढ़, सीधी, सिवनी, मुरैना, सीहोर और शहडोल जिले छात्रों के बैंक खातों को अपडेट करने में पीछे थे। इसे पूरा करने के लिए उन्हें सात दिन का समय दिया गया है। केवल उमरिया, विदिशा, सागर और मंडला जिलों ने पोर्टल पर छात्रों की 90% से अधिक प्रोफाइलिंग पूरी की है। अन्य जिलों को दिसंबर तक पोर्टल पर छात्रों की प्रोफाइलिंग को पूरा करने की चेतावनी जारी की गई थी। जिससे छात्रों सरकार की इस योजाना का लाभ मिल सके।