भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। मिशन 2019 के तहत प्रदेश की सभी 29 सीट जीतने का टारगेट भाजपा ने तय किया है। इसके लिए पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की सभी 29 सीटों पर सर्वे और प्रत्याशी चयन का काम शुरू कर दिया है।पता लगाया जा रहा है कि किस सांसद की क्षेत्र मे कैसी स्थिति है। इसी के आधार पर टिकट वितरण किया जाएगा।इस बार कई सांसदों के टिकट पर संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है।
खबर है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में भी कई सांसदों के टिकट काटे जाएंगें।पार्टी करीब एक दर्जन चेहरों को बदलने की तैयारी में है। विधानसभा में लिए गए फीडबैक के आधार पर कई सांसदों की स्थिति ठीक नही थी, कई ऐसे थे जो मोदी लहर के भरोसे जीत गए थे जिसके चलते पार्टी ने इस बार नए चेहरों को मौका देने का प्लान बनाया है।वही कई सांसदों को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले सुधार करने को कहा गया था, लेकिन कोई सुधार नही किया गया, जिसके चलते पार्टी नेता नाराज है।इसके अलावा सांसद अनूप मिश्रा के भितरवार से विधानसभा चुनाव लड़ने के कारण मुरैना लोकसभा सीट भी खाली हो चुकी है। खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह को भी पार्टी एक बार फिर विधानसभा चुनाव में उतार दिया, जिससे खजुराहो सीट भी खाली हो गई है। सांसद मनोहर ऊंटवाल द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने पर देवास-शाजापुर सीट भी खाली है।सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के क्षेत्र में भी खासी गुटबाजी सामने आई है। टिकट जाति प्रमाण पत्र के विवाद के चलते बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे की जगह नए प्रत्याशी को मौका दिया जा सकता है। सीधी सांसद रीति पाठक की सीट पर बदलने की अटकले तेज है।
चुंकी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उमा भारती ने लोकसभा चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है,इसके चलते विदिशा में नए प्रत्याशियों को मौका देना तय है। वही सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे को टिकट देकर पार्टी ने यहां नया प्रत्याशी उतारने का संदेश दे दिया है। फग्गनसिंह कुलस्ते, ज्ञान सिंह जैसे सांसदों को विकास पर्व के दौरान विरोध का सामना करना पड़ रहा था।वही किसी आदिवासी सीट से राज्यसभा सदस्य सम्पतिया उईके को भी चुनाव को लड़ाने पर पार्टी विचार कर रही है। डॉ. भागीरथ प्रसाद का भी क्षेत्र में विरोध है। बीते दिनों क्षेत्र भर में मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता के गुमशुदा होने के पोस्टर लगाए गए थे। बालाघाट सांसद बोधसिंह भगत और मंत्री गौरीशंकर बिसेन की लड़ाई से वहां के समीकरण बिगड़े हुए हैं। सतना सांसद गणेश सिंह के खिलाफ सवर्णों ने विरोध का मोर्चा खोला हुआ है। वही एट्रोसिटी एक्ट के कारण भी कई सांसदों का विरोध हुआ था, कईयों का फीडबैक बहुत खराब था, छह महिने के बाद भी सुधार नही हुआ ,इसके चलते पार्टी ऐन मौके पर कोई रिस्क नही लेना चाहती । इस कारण टिकट वितरण के जरिए सभी वर्ग के बीच संतुलन बनाने की कोशिश पार्टी करेगी।