MP News : कक्षा 2 और 3 में पढ़ने वाले ने स्कूलों में क्या सीखा? 80 हजार से अधिक बच्चों का होगा वार्षिक आकलन कर पता करेगी सरकार

वार्षिक आकलन का उद्देश्य कक्षा 2 और 3 के छात्रों में सीखने के परिणामों का अध्ययन करना है। इस वार्षिक आकलन में कक्षा 2 के 39 हजार और कक्षा 3 के 42 हजार विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। वार्षिक आकलन के आधार पर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे और शैक्षणिक कार्य-योजना तैयार की जायेगी।

School Student

MP News : मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार बुनियादी शिक्षा को लेकर बहुत गंभीर है, खासकर छोटे बच्चे शुरूआती कक्षाओं में क्या सीख रहे हैं इसका पता लगाने के लिए सरकार मिशन अंकुर शुरू कर रही है,, मिशन अंकुर के तहत सरकार कक्षा 2 और कक्षा 3 में पढने वाले 80 हजार से अधिक बच्चों का वार्षिक आकलन करेगी फिर आकलन रिपोर्ट के आधार पर आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिये कार्य-योजना बनाई जाएगी ।

19 फरवरी से 22 फरवरी तक चलेगा मिशन अंकुर 

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा 2 और 3 में पढ़ने वाले बच्चों का मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान का वा‍र्षिक आकलन 19 फरवरी से 22 फरवरी तक 4 हजार 800 स्कूलों में सेम्पल के तौर पर एक साथ किया जायेगा। इसके लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने परिपत्र जारी किया है।

51 जिलों के 322 विकासखंडों में होगा वार्षिक आकलन

बताया गया है कि वार्षिक आकलन 51 जिलों के 322 विकासखंडों में होगा। इसके लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं। आकलन कार्य में आकांक्षी जिलों को भी शामिल किया गया है। वा‍र्षिक आकलन के दौरान गठित दल प्राथमिक विद्यालयों में जाकर सर्वेक्षण कार्य करेंगे।

वार्षिक आकलन के आधार पर तैयार होगी शैक्षणिक वर्ष 2024-25 की कार्य-योजना 

वार्षिक आकलन में विकासखंडों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। वार्षिक आकलन का उद्देश्य कक्षा 2 और 3 के छात्रों में सीखने के परिणामों का अध्ययन करना है। इस वार्षिक आकलन में कक्षा 2 के 39 हजार और कक्षा 3 के 42 हजार विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। वार्षिक आकलन के आधार पर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे और शैक्षणिक कार्य-योजना तैयार की जायेगी।

केन्द्र सरकार के निपुण भारत अभियान में संचालित होगा मिशन अंकुर 

गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य में यह कार्यक्रम केन्द्र सरकार के निपुण भारत अभियान में संचालित करने का निर्णय लिया है। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल ने जिलों की वार्षिक आकलन रिपोर्ट 24 फरवरी तक भेजने के निर्देश भी दिये हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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