राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान, कमल नाथ को भी घेरा

Atul Saxena
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Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस तैयारियों में जुटी हुई है साथ ही वो राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जता रही है। कल इंदौर में मिले एक धमकी भरे पत्र के बाद कांग्रेस की चिंता को बल भी मिला लेकिन प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है , कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। उन्होंने सुरक्षा में चूक की बातों पर कमल नाथ पर निशाना भी साधा।

सुरक्षा के सवाल पर कांग्रेस पर ही निशाना

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज नियमित प्रेस ब्रीफिंग में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है और हम इसे समझते हैं, सुरक्षा की दृष्टि से मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ, ये हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने सवाल किया कि सुरक्षा में चूक जैसी बातें जो सामने आई हैं वो पैदा कहां से हो रही हैं? इंदौर के जिस खालसा कॉलेज में राहुल गांधी का कार्यक्रम है 10 दिन पहले स्थिति बिगाड़ने खालसा कॉलेज कौन गया था?

कमल नाथ की गौरी – गजनबी से तुलना

क्यों सिखों के जख्मों का हरा किया गया? सिख संगत में जाकर इस तरह का वातावरण क्यों बनाया? ये भी राहुल गांधी को सोचना चाहिए कि कमल नाथ ने ऐसा क्यों किया? नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि छिंदवाड़ा में जाकर मंदिर और मूर्ति बनवाई और फिर टुकड़े टुकड़े कर दिए, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी की तरह व्यवहार क्यों कर रहे हैं कमल नाथ? गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने छिंदवाड़ा में एक केक काटा था। मंदिर की प्रतिकृति वाले केक पर हनुमान जी का चित्र था, जिसे लेकर बहुत विवाद हुआ था।

राहुल गांधी से कमल नाथ को लेकर किया निवेदन

गृह मंत्री ने कहा कि कमल नाथ ऐसी स्थित पैदा क्यों कर रहे हैं ? उन्होंने राहुल गांधी को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुझे तो लगता है कि कमल नाथ नहीं चाहते कि राहुल बाबा कि आपकी यात्रा मध्य प्रदेश में हो इसलिए बार बार सुरक्षा की बात कर रहे हैं, मध्य प्रदेश में आपका स्वागत है लेकिन आप इन बातों को भी गौर करें कि कमल नाथ यात्रा से पहले ऐसा वातावरण क्यों बना रहे हैं?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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