MP New Liquor Policy : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मंजूर की गई नई शराब नीति को लेकर सीएम शिवराज की प्रशंसा की जा रही है, प्रदेश सरकार के मंत्रियों सहित केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस फैसले को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कह चुके हैं। शराब बंदी के लिए अभियान चला रही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी खुश हैं उन्होंने भी सीएम शिवराज का धन्यवाद किया है, अब प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में धन्यवाद सभाएं आयोजित की जायेंगी।
कल 21 फरवरी को होंगी धन्यवाद सभाएं
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सभी 413 नगरीय निकायों के पदाधिकारियों से अपील की है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शराब के नशे को हतोत्साहित करने के लिये बनाई गई नई आबकारी नीति पर उनका अभिनंदन करने कल 21 फरवरी को धन्यवाद सभा आयोजित करें। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को कम करने और महिलाओं एवं बेटियों के हित में मुख्यमंत्री द्वारा किये गये प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नर्मदा यात्रा के दौरान भी नर्मदा के किनारे की 64 शराब दुकानों को बंद कराया था।
बंद होंगे प्रदेश में संचालित 2611 शराब अहाते
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इस नीति से प्रदेश में 2611 शराब अहातों को बंद किया जा रहा है। साथ ही शॉप बार पर शराब पीने पर रोक लगाई गई है। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के लायसेंस निलंबित करने का प्रावधान कड़े किये गये है। पहली ड्रंक ड्रायविंग पर 6 महीने, दूसरी बार में 2 साल और तीसरी बार में 5 साल के लिये ड्रायविंग लायसेंस निलंबित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निकटवर्ती 6 राज्यों के शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व की तुलना करें तो मध्य प्रदेश में सबसे कम राजस्व प्राप्त होता है। उत्तरप्रदेश में 36 हजार 321 करोड़, तेलंगाना में 31 हजार 347 करोड़, आंध्रप्रदेश में 30 हजार 639 करोड़, महाराष्ट्र में 28 हजार 210 करोड़, कर्नाटक में 26 हजार 377 करोड़, राजस्थान में 11 हजार 787 करोड़ रूपये शराब से राजस्व प्राप्त होता है। वहीं मध्य प्रदेश में मात्र 11 हजार 734 करोड़ रूपये का राजस्व इस मद में प्राप्त होता है।
सार्वजनिक स्थल पर आयोजित हो धन्यवाद सभा
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि धन्यवाद सभा शहर के सार्वजनिक स्थल पर की जाए। सभा में जन-प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संगठन, मद्यपान निषेध से जुड़े संगठन, महिला स्वयं सेवी संगठन और मीडिया प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। नई आबकारी नीति तथा उससे होने वाले लाभ विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा सहित अन्य प्रमुख प्रावधानों से आम नागरिकों को अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का प्रतिवेदन संचालनालय को भिजवाना सुनिश्चित किया जाए।