भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल (corona period) में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों ने दिन रात एक कर काम किया। उन्होंने ना अपने घर परिवार को देखा, ना स्वास्थ्य की चिंता की। आयुष डॉक्टर (ayush doctor) भी ऐसे ही शासकीय सेवकों में शामिल थे जो कोरोना वारियर बनकर काम करते रहे लेकिन आज ये परेशान हैं , क्योंकि सरकार ने जो वादा किया था वो भूल चुकी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वित्त पोषित संविदा आयुष डॉक्टर (आयुष चिकित्सा अधिकारी) पिछले छह महीने से सरकार को उसका वादा याद दिला रहे हैं लेकिन NHM में बैठे अधिकारी ना सुन रहे हैं ना वादा पूरा कर रहे हैं। आयुष चिकित्सा अधिकारी कई बार ज्ञापन, स्मरण पत्र विभागीय अधिकारियों, विभागीय मंत्री को दे चुके है लेकिन नतीजा अभी तक शून्य है।
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आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष जैन ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को मोबाइल पर जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग पिछले 13 – 14 साल से संविदा पर काम कर रहे हैं। दूसरे चिकित्सकों की तरह ही हमने भी कोरोना काल में अपनी सेवाएं दी थी। NHM ने उस समय हमें 4000 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की थी लेकिन हमें आज तक वो राशि नहीं मिली। हम लोग आयुष विभाग के चिकित्सक हैं लेकिन NHM से वित्त पोषित हैं यानि हमारे लिए फंड NHM से ही जनरेट होता है।
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डॉ जैन ने कहा कि पिछले छह महीने से हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं , छह महीने पहले हमने हड़ताल भी की थी उसके बाद लगातार NHM के अधिकारियों से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। बहरहाल यदि सरकार में बैठे अधिकारी विभाग द्वारा किया हुआ वादा भूल जायेंगे तो कोई कैसे समर्पित भाव से सेवाएं देगा ये विचारणीय प्रश्न है।