MP News : दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, जूनियर इंजीनियर्स की शीर्ष पदों पर पोस्टिंग पर जताई नाराजी

Atul Saxena
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MP News : पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शीर्ष पदों की पोस्टिंग में “भाई भतीजावाद” के आरोप लगाये हैं, उन्होंने PWD, PHE सहित अन्य ऐसे प्रमुख विभाग जिनका सीधा संबंध पब्लिक से होता है वहां जूनियर इंजीनियर को शीर्ष पदों पर बैठाने यानि उनकी पोस्टिंग विभाग के टॉप पद पर किये जाने नाराजी जताई है।

दिग्विजय सिंह ने की भाई भतीजावाद की शिकायत 

कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने लिखा –  प्रिय शिवराज सिंह चौहान जी, मध्य प्रदेश के प्रमुख निर्माण विभागों में किये जा रहे ‘‘भाई-भतीजावाद’’ की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाह रहा हूँ। वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर इंजीनियर्स को शीर्ष पदों पर बैठाया जा रहा है। यह निर्णय किसी भी प्रशासकीय मापदण्डों के अनुकूल नही है।

विभागीय मंत्री की नोटशीट को नजर अंदाज करने के आरोप 

उन्होंने आगे लिखा – पहला मामला प्रदेश में हजारों करोड़ रूपये के बजट वाले लोक निर्माण विभाग का है। विभागीय मंत्री  गोपाल भार्गव की नोटशीट को नजर अंदाज कर मुख्यमंत्री सचिवालय स्तर से निर्णय लिया गया और एक अति कनिष्ठ अधीक्षण यंत्री को बिना पदोन्नति विभाग का प्रमुख अभियंता बना दिया गया। इस मामले में लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने वरिष्ठता के क्रम में प्रमुख अभियंता आर के मेहरा, जी पी मेहरा और बी पी बोरासी के नाम पदस्थापना हेतु प्रस्तावित किये थे। राजनैतिक मनमुटाव अब प्रशासनिक हस्तक्षेप तक आ गया है।

दिग्विजय का दावा 10 लाख कर्मचारी वर्ष 2016 से पदोन्नति को तरस रहे

दिग्विजय सिंह ने लिखा – एक तरफ प्रदेश में 10 लाख कर्मचारी वर्ष 2016 से पदोन्नति को तरस रहे हैं । हजारों अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे है। निर्माण विभागों में अब वरिष्ठ इंजीनियर कनिष्ठ के अधीन काम कर रहे हैं । जिससे भ्रष्टाचार को तो बढ़ावा मिल ही रहा है प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता भी बढ़ रही है।

PWD के अलावा कई विभागों में टॉप पोस्ट पर बैठे इंजीनियर का नाम बताया 

एक अन्य विभाग का हवाला देते हुए दिग्विजय ने लिखा – इसी प्रकार जल संसाधन विभाग में सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री  श्री कुशवाह को संविदा पर नियुक्ति देकर प्रमुख अभियंता का प्रभार दे दिया गया है। जबकि विभाग के वरिष्ठतम अधीक्षण यंत्री श्री टेकाम को उप सचिव बनाकर मंत्रालय में बैठा रखा है। इस फैसले से जल संसाधन विभाग के अभियंताओं में आक्रोश है। इसी तरह पी एच ई विभाग में वरिष्ठ अधीक्षण यंत्री के के सोनगरिया के स्थान पर उनके जूनियर को प्रभारी ईएनसी बना दिया गया है। निर्माण विभाग में चल रहे प्रभारी बनाने के खेल में आरईएस भी शामिल हो गया है। जहां वरिष्ठ इंजीनियर के सी धुर्वेकर को हटाकर मांगीलाल डाबर को प्रभारी ईएनसी बनाया गया है।

दिग्विजय का सवाल क्या – सेवानिवृत्त अधिकारियों के बगैर विभाग चलाना मुश्किल 

दिग्विजय सिंह ने लिखा – आपकी सरकार में एक दशक तक लोक निर्माण विभाग के सर्वेसर्वा रहे अखिलेश अग्रवाल इन दिनों सेवानिवृत्ति के बाद एमपीआरडीसी में पहले तकनीकी सलाहकार के पद पर बैठाये गये। फिर उन्हें ईएनसी के प्रभार से नवाजा गया है। इन मामलों को देखकर लगता है जैसे सेवानिवृत्त अधिकारियों के बगैर विभाग चलाना मुश्किल हो रहा है।

ऐसे फैसलों को तत्काल बदलने की सीएम शिवराज से मांग 

पत्र के अंत में दिग्विजय सिंह ने लिखा –  मेरा आपसे निवेदन है कि वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर इंजीनियर्स को हजारों करोड़ रुपये के बजट वाले विभागों का प्रभार दिये जाने के फैसलों को निरस्त किया जाये और वरिष्ठता का सम्मान करते हुए लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग, आरईएस सहित एमपीआरडीसी में वरिष्ठ इंजीनियर्स को पदोन्नत कर प्रभार देने का विधि सम्मत निर्णय लेने का कष्ट करें ताकि सरकार का कानूनी रसूख तार-तार होने से बचा रहे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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