MP News : 2018 शिक्षक भर्ती को लेकर शिक्षामंत्री ने दिया यह बयान, चयनित अभ्यर्थीयों में दिखी निराशा

Amit Sengar
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MP News : चुनावी समय को देखते हुए सभी संगठन और वर्ग अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहें हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सभी वर्गों को साधते हुए उनकी मांगों को पूरा करने में लगे हुए हैं। लाड़ली बहन, प्रदेश के भांजे-भांजियां, युवाओं के लिए योजनाएं या फिर चाहे कर्मचारी वर्ग के हितों को देखते हुए निर्णय लेने की बात। कुल मिलाकर इस चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की जनता को साधने में लगे हैं। इस समय सरकार की छवि सुधारने और चुनावी वर्ष में पुनः सरकार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं परंतु शिक्षा मंत्री की बेवजह की बयान बाजियां उस पर पानी फेरते नजर आ रही हैं। शिक्षा मंत्री का 2 दिन पहले आया बयान शिक्षक “भर्ती 2018 समाप्त हो चुकी है” कार्य कर रहे है। चुनावी वर्ष में मंत्री को ऐसे बयान शोभा नहीं देते। जबकि 2018 के चयनित अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से लोक शिक्षण संचनालय के बाहर टेंट लगाकर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने इन टेंटों में कड़ाके की सर्दीयां, तपती हुई गर्मियां और आंधी तूफान भरी बरसात को निकाल दिया। सिर्फ इस आस में कि आज नहीं तो कल सरकार द्वारा हमारी मांगे पूरी करते हुए सभी को नियुक्तियां दी जाएगी। लाडली बहने भी लगातार इसी आशा और उम्मीद में संघर्ष कर रही है कि हमारे लाडले भैया शिवराज सिंह हमारी मांगों को पूरा करेंगे।

चयनित अभ्यर्थियों ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 5 वर्ष इस भर्ती को दे दिए हैं और वह आयु सीमा को पार कर रहें हैं। ऐसे में प्रदेश का एक युवा वर्ग केवल शिक्षक भर्ती 2018 से उम्मीद लगाए बैठा है। परंतु कभी करोना, तो कभी विभागीय विसंगतियों के कारण आज 2023 तक भी भर्ती अधूरी है। शिक्षा मंत्री के बयानों से युवाओं में आक्रोश है कि कहीं उनका 5 वर्षों का लंबा संघर्ष व्यर्थ न हो जाए। जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा यदि विसंगतियां ना की गई होती तो यह पात्र अभ्यर्थी आज किसी विद्यालय में शिक्षक होते। उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के अभ्यर्थी तृतीय काउंसलिंग पद वृद्धि के साथ कराने की मांग कर रहे हैं।

चयनित शिक्षिका रक्षा जैन का कहना है कि जब पुरानी भर्ती के ही पद रिक्त हैं प्रथम काउंसलिंग के बाद फ्रेश भर्ती बताते हुए दूसरी काउंसलिंग के रिक्त पदों पर आज दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, तब नई परीक्षा निकालने की क्या आवश्यकता थी? वही रचना व्यास का कहना है कि जब इस भर्ती पर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तमाम केस लगे हुए हैं तो ऐसे में भर्ती खत्म कैसे हो सकती हैं। अनुसार किसी भी भर्ती को तब तक पूर्ण नहीं माना जाता, जब तक कि उस भर्ती पर निकाले गए तमाम पदों पर नियुक्तियां नहीं हो जाती। ऐसे में शिक्षा मंत्री का बयान गफलत फैला रहा है। वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट की शरण भी ली है कि उनके साथ न्याय किया जाए।

MP News : 2018 शिक्षक भर्ती को लेकर शिक्षामंत्री ने दिया यह बयान, चयनित अभ्यर्थीयों में दिखी निराशा

शिक्षक पात्रता संघ के प्रदेश संयोजक का कहना है कि जब पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध थे और पद भी रिक्त थे तो हम ही से इन पदों को इन पदों को समय रहते क्यों नहीं भरा गया। नई भर्ती परीक्षा का आयोजन क्यों किया गया? एक भ्रम की स्थिति और उत्पन्न हो रही है कि शिक्षक भर्ती 2023, शिक्षक भर्ती 2018 की तरह ही चुनावी जुमला तो नहीं है। ऐसे समस्त चयनित अभ्यर्थियों के बीच में आक्रोश,असंतोष और निराशा व्याप्त हो रही है।

अभ्यर्थियों की मांग है की 2018 की भर्ती को 2023 से पहले पूर्ण किया जाए। इस चुनावी वर्ष में हमारे लाड़ले मामाजी हमारे साथ अन्याय नहीं करेंगे और आचार संहिता लगने से पहले हमें नियुक्ति पत्र जरूर देंगे इसी क्रम में प्रदेश के मुखिया की लाड़ली बहनें भी नियुक्ति आस में बांट जोह रही है, राखी का त्यौहार है यहां भैया सभी बहनों को कुछ न कुछ दे रहे हैं तो हमें भी खाली हाथ नहीं रहने देंगे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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