MP News : मप्र सरकार प्रदेश में दिव्यांगजन कल्याण, नशा मुक्ति तथा वरिष्ठजनों के लिए संचालित आश्रमों व संस्थाओं की गुणवत्ता की ऑडिट करा रही है। निरीक्षण ऑडिट रिर्पोट के आधार पर ही भविष्य में अनुदान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। सामाजिक न्याय दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि यह ऑडिट रिपोर्ट प्रत्येक तिमाही में तैयार कराई जाएगी। उन्होंने ऑडिट के सभी बिंदुओं पर प्राप्त रिपोर्ट का विस्तृत एनालिसिस के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मंत्री कुशवाह ने कहा है कि भारत सरकार और राज्य सरकार सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में संचालित विभिन्न शासकीय और अशासकीय संस्थाओं को आर्थिक और तकनीकी सहयोग प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं पर गुणवत्ता नियंत्रण राज्य शासन की जिम्मेदारी है। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संस्थानों की गुणवत्ता ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है।
इतनी अनुदान प्राप्त संस्थाएं संचालित हैं मध्य प्रदेश में
आयुक्त सामाजिक न्याय एवं दिव्यंगिता सशक्तिकरण डॉ. आर आर भोसले ने बताया कि प्रदेश में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में 36 राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थाओं तथा 54 केंद्रीय और जिला निराश्रित नीति से अनुदान प्राप्त संस्थाओं की गुणवत्ता ऑडिट कराई जा रही है इसी प्रकार वरिष्ठजनों के लिए संचालित 79 अशासकीय की संस्थाओं तथा नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत संचालित केंद्रीय अनुदान प्राप्त अशासकीय 13 नशामुक्ति सह पुनर्वास केंद्र, सात आउट रीच एंड ड्राप इन सेंटर, तीन कम्यूनिटी बेस्ड पियरलेड सेंटर का भी ऑडिट कराया जा रहा है।
ओरात्येक तिमाही में होगा ऑडिट, टीम पर ये होगी जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि ऑडिट के लिए गठित टीम का दायित्व है कि वह सभी केंद्रों पर साफ़ सफाई, भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, सुरक्षा, फर्नीचर ओर अन्य सामग्री की गुणवत्ता, मनोरंजन, खेलकूद सुविधाओं, ओर ऑफिस रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त की करेंगी। इसके आधार पर संस्थाओं की ग्रेडिंग की जाएगी। अब यह ऑडिट प्रत्येक तिमाही में की जाएगी, उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाली संसथाओ के विरुद्ध एक्ट के प्रावधानों के तहत कर्रवाई की जायगी।