MP News : सवालों का शुक्रवार, शिवराज-कमलनाथ ने एक दूसरे से पूछे ये सवाल

Politics of questions continues in Madhya Pradesh : केंद्र से लेकर प्रदेश तक सियासी हलके में तनातनी का दौर जारी है। एक तरफ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के बाद कांग्रेस पूरी तरह हमलावर है। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ये कर्मों का परिणाम है। इसके अलावा भी शिवराज और कमलाथ के बीच पहले की तरह सवालों का सिलसिला जारी है।

बता दें कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों ही एक दूसरे पर जनता से झूठ बोलने के आरोप लगा रहे हैं। सीएम शिवराज ने कांग्रेस के वचनपत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। एक बार फिर सवाल करते हुए उन्होने कहा कि ‘मैं कमलनाथ जी से पूछना चाहता हूं कि आपने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, कितने बेटे-बेटियों को दिया? हमने तो अपने बच्चों को 8 हजार रुपये प्रतिमाह देने के लिए बजट में 1 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। कमलनाथ जी, जवाब दीजिये।’

वहीं कमलनाथ उन्हें झूठ बोलने की मशीन कह चुके हैं। अब किसानों के मुद्दे पर घेरते हुए कमलनाथ ने कहा है कि ‘शिवराज जी किसानों पर अत्याचार करने में पहले से ही आप पूरी दुनिया में नंबर वन हैं। आपने मंदसौर में किसानों पर गोली चलवाई, आपने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झूठा वादा किया, आपने किसान कल्याण का बजट खर्च नहीं किया, आपने लाखों किसानों को डिफाल्टर बना दिया, फिर भी किसान उत्पीड़न से आपका मन नहीं भरा। अब आपने भारी-भरकम बिजली बिल भेज कर किसानों का शोषण का नया तरीका निकाला है। बिजली बिल ना चुका पाने पर अब तक आप मोटरसाइकिल, टीवी, सिलाई मशीन, जैसे सामान जब्त करवा रहे थे, लेकिन अब तो आपने किसान की जमीन भी कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिवराज जी, यह खेत मिट्टी का प्लॉट नहीं है, बल्कि किसान की धरती मां है। इसी में उपजे अन्न से पूरी सृष्टि का पालन होता है। आपने किसान की जमीन कुर्क करके अत्याचार की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों का शोषण तत्काल बंद करिए।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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