भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार भारी आर्थिक तंगी से जूझ रही है। ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है विकासकार्यों के लिए फंड का इंतजाम करना। मानसून सत्र जुलाई में शुरू हो रहा है। इसमें सरकार बजट पेश करने जा रही है। कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार कोई नया टैक्स पेश कर सकती है। जिससे राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके। लेकिन इन अकटलों पर वित्त मंत्री तरूण भनोट ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता पर किसी भी रह का अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती।
वित्त मंत्री ने कहा सरकार 20 हज़ार करोड़ राजस्व का इंतज़ाम करने के लिए जनता पर किसी भी तरह का बोझ नहीं डालेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजस्व के लिए कुछ खास रणनीति तय की है। उन्होंने कहा कि राज्य की बैलेंसशीट फिलहाल सरप्लस में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 35 हज़ार करोड़ का कर्ज वित्त वर्ष 2019-2020 में ले सकती है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 15 साल में एक लाख 60 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी खर्च करेगी वह जनता के सामने पूरा हिसाब रखेगी। कोई भी व्यक्ति आनलाइन देख सकता है।
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उन्होने कहा कि सरकार ने किसान कर्ज माफी के दूसरे चरण के लिए भी राशि जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। जब किसान कर्जमाफी की योजना शुरू की गई थी तब प्रदेश में 48 लाख किसानों को इस योजना के लिए पात्र पाया गया था। सरकार ने 22 लाख किसानों का पहले चरण में कर्ज माफ कर दिया है।