MP School : स्कूली बच्चों को मिलेगा शद्ध पेयजल, शौचालय भी रहेंगे स्वच्छ, शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश, सभी जिलों के लिए राशि मंजूर की

निर्देश में कहा है, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शुध्द पेयजल व्यवस्था के लिये प्रत्येक हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जल शोधन व्यवस्था एवं सुरक्षित जल भण्डार हेतु उचित व्यवस्था तत्काल की जाये।

Atul Saxena
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MP School :  मध्य प्रदेश के शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके परिजनों के लिए ये एक अच्छी खबर हैं, शासन ने अब स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने और शौचालयों की व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं, शिक्षा विभाग ने इसके लिया प्रदेश के सभी जिलों के लिए राशि मंजूर कर दी है।

शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी शासकीय हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अभियान चलाकर सर्वसुविधायुक्त शौचालयों और शुध्द पेयजल की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहा है। इस कार्य के लिये लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलों को आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान की है।

जल शोधन एवं सुरक्षित जल भण्डार की व्यवस्था के निर्देश 

संचालक लोक शिक्षण ने सभी जि़ला शिक्षा अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने के निर्देश दिए है,  निर्देश में कहा है, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शुध्द पेयजल व्यवस्था के लिये प्रत्येक हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जल शोधन व्यवस्था एवं सुरक्षित जल भण्डार हेतु उचित व्यवस्था तत्काल की जाये। इसके अंतर्गत पेयजल वितरण व्यवस्था हेतु स्टैण्ड पोस्ट, पाइप लाइन का सुदृढ़ीकरण, टंकी की व्यवस्था एवं उचित जल निकास जो बगीचे एवं पेड़ पौधों के सींचने के लिये उपयोग में लाया जाये।

शौचालयों को उपयोगी और व्यवस्थित बनाये रखना होगा 

संचालक लोक शिक्षण ने शौचालय मरम्मत एवं अन्य आवश्यक कार्य कराये जाने संबंधी निर्देशों में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शासकीय शालाओं में उचित शौचालय व्यवस्था अथवा मरम्मत कार्य हेतु शालाओं के शौचालयों में मरम्मत कार्य जैसे-टॉयलेट शीट, यूरीन, पाईप लाईन, सीवेज लाईन, पानी की टंकी बदलना, मोटर, टाइल्स, वॉश बेसिन बदलना, टोंटी, आदि सेनेटरी आईटम्स की उचित व्यवस्था की जाये एवं साथ ही साथ सभी शौचालयों में जलवाहित किये जाये।

 200 से कम और 200 से अधिक विद्यार्थी संख्या के लिए अलग अलग राशि स्वीकृत 

संचालक लोक शिक्षण ने कहा कि जिन किसी भी विद्यालयों में पहले से ही ये संपूर्ण व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, तो उन्हें अलग से यह कार्य कराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे स्कूल जहाँ विद्यार्थी संख्या 200 से कम है वहां राशि 25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) रुपये प्रति स्कूल तथा जहाँ विद्यार्थी संख्या 200 से अधिक है वहाँ राशि 50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) रुपये प्रति विद्यालय के मान से मानक आवंटन (शौचालयों हेतु पृथक से और पेयजल हेतु पृथक से राशि) सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के डी.डी.ओ में उपलब्ध करायी जा रही है।

शाला प्रबंधन एवं विकास समिति को देना होगा demand estimation

यह राशि वास्तविक आवश्यकतानुसार स्कूलों की शाला प्रबंधन एवं विकास समिति (एस.एम.डी.सी) द्वारा व्यय की जाएगी। जिसकी मांग प्राक्कलन (demand estimation) तैयार कर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को प्रस्तुत किया जायेगा। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी उसी के हिसाब से राशि का आहरण कर संबंधित एस.एम.डी.सी. को उपलब्ध करायेंगे।

अधिक राशि लेने के लिए स्कूलों को ये करना होगा 

जारी निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी स्कूल को निर्दिष्ट व्यवस्था हेतु प्रावधानित राशि से अधिक की आवश्यकता है तो कार्य का विवरण एवं अतिरिक्त आवंटन की जानकारी प्रदान करने पर अतिरिक्त आवंटन भी प्रदान किया जा जायेगा। विद्यालयों की शाला प्रबंधन एवं विकास समितियां पेयजल और शौचालयों दोनों निर्माण एजेन्सी की भूमिका निभायेंगी। जिसे आवश्यकतानुसार राशि अग्रिम रूप से प्रदाय की जायेगी। यह कार्य गुणवत्ता एवं समय-सीमा का ध्यान रख अभियान के रूप में किया जायेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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