MP School : स्टूडेंट्स को नशे से दूर रखने अब स्कूलों में गठित होंगे “प्रहरी क्लब”, शिक्षा विभाग ने जारी किये आदेश

आदेश में कहा गया है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन कर उसके प्रभारी शिक्षक का विवरण राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दी गई लिंक पर एक सप्ताह में उपलब्ध कराएँ।

MP School

MP School : मध्य प्रदेश में इस समय नशा मुक्ति अभियान चल रहा है, सामाजिक न्याय विभाग कई तरह के आयोजन कर रहा है और लोगों को किसी भी तरह के नशे से दूर रहने के अपील कर रहा है, इसी क्रम में अब शिक्षा विभाग ने एक नयी पहल की है, शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों में “प्रहरी क्लब” गठित करने का फैसला किया है ये क्लब बच्चों को नशे से दूर रहने के प्रति जागरूक करेंगे।

कक्षा 6 से 12 तक गठित होंगे “प्रहरी क्लब”

लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल ने एक आदेश जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं कि वे स्कूली बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए अपने अपने जिले में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के स्कूलों में “प्रहरी क्लब” का गठन करें।

ऐसे किया जायेगा “प्रहरी क्लब” का गठन  

  • शिक्षा विभाग के मुताबिक प्रहरी क्लब का प्रभारी एक शिक्षक होगा लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि प्रभारी बनाये जाने वाला शिक्षक की भी तरह का नशा नहीं करता हो।
  • प्रहरी क्लब में क्लास से चयन कर एक छात्र को शामिल किया जाये, इस क्लब में जागरूक पेरेंट्स को भी शामिल किया जाये।
  • प्रहरी क्लब की न्यूनतम सदस्य संख्या 20 रहेगी।

“प्रहरी क्लब” की ये जिम्मेदारी होगी 

  • आदेश के मुताबिक प्रहरी क्लब स्कूली छात्र और अभिभावकों के सहयोग से चलाया जायेगा।
  • क्लब इस बात को सुनिश्चित करेगा कि स्कूल के 100 मीटर के दायरे में कोई भी मादक पदार्थ न पहुंचे।
  • प्रहली क्लब के सदस्य इस बात का ध्यान रखेंगे कि स्कूल के छात्र पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट, शराब की लत से बचे रहें।

प्रहरी क्लब के प्रभारी शिक्षक का विवरण बाल आयोग को देना होगा 

आदेश में कहा गया है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन कर उसके प्रभारी शिक्षक का विवरण राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दी गई लिंक पर एक सप्ताह में उपलब्ध कराएँ। लिंक की डिटेल आदेश में दी गई है।

MP School : स्टूडेंट्स को नशे से दूर रखने अब स्कूलों में गठित होंगे "प्रहरी क्लब", शिक्षा विभाग ने जारी किये आदेश


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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