शिवराज सरकार ने मानी कांग्रेस विधायक की मांग, आदेश निरस्त

भोपाल।
प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj sarkar) ने ग्वालियर (gwalior) जिले की दक्षिण विधानसभा के विधायक प्रवीण पाठक (MLA Praveen Pathak) की बात मान ली है और  बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप को मध्यप्रदेश में कोरोना पीड़ितों पर कुछ दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल के जो आदेश दिए गए हैं वह तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।इस मामले मे इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह(indore collector) ने सफाई दी है। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासन ने दवा के ट्रायल की अनुमति नहीं दी। आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाइयों के क्लीनिक ट्रायल नहीं होते हैं। उसकी प्रोटोकॉल और प्रक्रिया है। इन सभी तथ्यों को देखते हुए आवेदन और अनुमति निरस्त कर दी गई।खास बात ये है कि इस खबर को एमपी ब्रेकिंग न्यूज ने शनिवार को प्रमुखता से छापा था, जिसके बाद खबर का असर हुआ और आदेश निरस्त कर दिया गया।

दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजली में बनी आर्युवेदिक दवाओं का इंदौर के कुछ मरीजों पर ट्रायल किया जाना था,जिसका कांग्रेस विधायक ने विरोध किया था।उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज से यह मांग वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप को मध्यप्रदेश में कोरोना पीड़ितों पर कुछ दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल के जो आदेश दिए गए हैं वह तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं। उनका कहना था कि पतंजलि को क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति देना मुझे एक असंवेदनशील और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ नजर आता है । वही कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीएम) ने भी आपत्ति उठाई थी और आरोप लगाया था कि ऐसा करके सरकार ने हजारों जिंदगियों को खतरे में डाल दिया है।जिसके बाद सरकार ने ट्रायल को निरस्त कर दिया है।


About Author
न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

न्यूज डेस्क, Mp Breaking News