भोपाल।
लंबी गर्मियों की छुट्टियों के बाद आज सभी सरकारी और गैर सरकारी प्राइवेट स्कूल खुल गए है।पहले दिन स्कूल प्रबंधकों ने बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया।इस कोई नई कक्षा के लिए किताबें लेते नजर आया तो कोई पुरानी किताबें जमा कराता । इस दौरान स्कूलों में अभिभावकों की भी भारी भीड़ देखने को मिली।हर कोई बड़े उत्साह के साथ बच्चों को पहले दिन स्कूल छोड़ने पहुंचा। इस मौके पर बच्चे भी काफी खुश नजर आए। वही राजधानी भोपाल का नजारा ही कुछ और रहा। यहां स्कूल खुलने के पहले दिन ही प्रबंधन ने दो बच्चों को बाहर का रास्ता दिखा दिया ।
![MP--The-first-day-the-school-management-did-the-children-out](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/241920191314_0_I5JvRv57.jpg)
दरअसल, मामला राजधानी भोपाल के कोटरा सुलतानाबाद में संचालित कमला नेहरू प्राइवेट स्कूल का है।यहां फीस न भर पाने के चलते प्रबंधन ने दोनों भाई-बहनों को स्कूल से बाहर कर दिया। बच्ची दूसरी कक्षा की छात्रा है वही छात्र आठवी कक्षा का छात्र है।प्रबंधन ने भाई बहन को फीस न भर पाने की वजह से एडमिशन नही दिया और बाहर कर दिया।सूचना मिलते ही मीडिया भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद दोनों बच्चों को लेकर पिता स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के पास पहुंचे है। वही मामला मीडिया में आने और परिजनों के मंत्री के पहुंचने के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मचा गया है।
वही शासकीय प्राथमिक शाला बेगमगंज की घण्टी बजाकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने शुभारंभ किया।खास बात ये है कि इसी स्कूल से प्रभुराम चौधरी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की थी।मंत्री ने स्कूल चले हम अभियान की भी शुरुआत की।वही दो बच्चों को यू फीस के लिए बाहर का रास्ता दिखाना कई सवाल खड़े कर रहे है।शिक्षा की ये तस्वीर बेहद निराशाजनक है और कई सारे सवाल भी उठाती है। मानते हैं कि स्कूल की समय पर फीस भरना नियम के दायरे में आता हैं। लेकिन हजारों बच्चों को पढ़ाने वाला एक स्कूल प्रबंधन क्या इन बच्चों को चंद दिनों की मोहलत नही दे सकता था। सवाल एक स्कूल का नही हैं ऐसे कई स्कूल हैं जहां पैसों के आभाव में न जाने कितने मासूम शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।