भोपाल। ई टेंडर घोटाले मामले में पूर्व मंत्री और वर्तमान भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा का फिर बड़ा बयान सामने आया है। उनका कहना है कि सरकार के पास अगर तथ्य होते तो अब तक कत्थक कर रही होती। कमलनाथ सरकार की नीति डिले और डायवर्ट की है।
वही किसानों को लेकर मिश्रा ने कहा कि किसानो का कर्ज सरकार डिले कर रही है, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देने में डिले कर रही, हमारी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में डिले कर रही। ई टेंडर प्रक्रिया में एक फाइल भी मंत्री के पास नहीं जाती उसमें बाबू और चपरासी के बैंक खाते उजागर कर रहे है।
इससे पहले मिश्रा ने कमलनाथ सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं सरकार से गुजारिश करुंगा कि ई-टेंडर घोटाले की पूरी तरह से जांच करे और अगर ��ोटाला 3 हजार करोड़ निकला जैसा की बताया जा रहा है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। जांच हमने शुरू की चाहे कोई भी मामला हो चाहे ई टेम्परिंग हो या डंपर घोटाला हो। यह छोटी मछलियों को पकड रहे है। बड़े अधिकारीयो को क्यों नही बुलाया जा रहा है, इनके पास कोई आधार या तथ्य नही है । EOW से भी झूठ बुलवाया जा रहा है, ताकि दबाब बने ।दबाब में काम न करे ।सरकारे आती जाती रहती है। मुझे क्यों टारगेट किया जा रहा है यह सब जानते है।बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी।
गौरतलब है कि शिवराज सरकार में ई-टेंडरिंग में करीब 3000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की आंशका है। मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी। ईओडब्ल्यू ने कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉस टीम (सीईआरटी) की मदद ली, जिसकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई की ई-टेंडरिंग में छेड़छाड़ हुई। इसी रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने 5 विभागों, 7 कंपनियों और अज्ञात अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ इसी साल जून में केस दर्ज किया था।लेकिन सत्ता परिवर्तित होते ही फिर से जांच की रफ्तार तेज हो गई है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। वहीं शनिवार को ईओडब्ल्यू ने वीरेंद्र पांडे के घर पर छापा मारा । माना जा रहा है कि वीरेंद्र पांडे के बाद अब निर्मल अवस्थी के ठिकानों पर भी छापे पड़ सकते हैं। इसके अलावा इस घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछताछ भी हो सकती है।