NCPCR : प्रियंक कानूनगो का आरोप, शराब फैक्ट्री के इशारे पर कांग्रेस ने मेरी छवि ख़राब करने का प्रयास किया, मैं दबाव में आने वाला नहीं

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NCPCR : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रायसेन में संचालित शराब फैक्ट्री सोम डिस्टलरी के संचालक पर कांग्रेस के साथ मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र करने के गंभीर आरोप लगाये हैं, NCPCR चेयर पर्सन ने X पर लिखा है कि शराब फैक्ट्री के मालिक के इशारे पर कांग्रेस मेरी और मेरे परिवार की छवि ख़राब करने की कोशिश कर रही है लेकिन मैं किसी दबाव में आने वाला नहीं हूँ,ये न्याय का संघर्ष है मैं अपराधियों को सज़ा दिलवाकर रहूँगा।

15 जून को सोम डिस्टलरी में शराब बनाते मिले बच्चों का रेस्क्यू किया था 

प्रियंक कानूनगो ने लिखा –  बंधुआ मज़दूर बनाए गए बच्चों से शराब बनवाने के मामले में मैंने गत 15 जून को मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में शराब फ़ैक्टरी सोम डिस्टलरी का निरीक्षण कर वहाँ से कई बच्चों को रेस्क्यू करवाया था तथा FIR दर्ज करवायी थी। इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेश से उक्त फ़ैक्टरी का लाइसेंस निलम्बित कर फ़ैक्ट्री को सील कर दिया गया था।

सोम डिस्टलरी पर लगाये गंभीर आरोप 

मुझे पता चला है कि शराब कम्पनी मुझसे इसका बदला लेने एवं क़ानूनी कार्यवाही को कमजोर करने के उद्देश्य से मेरे ऊपर दबाव डालने के लिए प्रदेश के विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के नेताओं व विधायकों के सम्पर्क में है एवं शराब कम्पनी के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने विधानसभा में मनगढ़ंत प्रश्न पूछ कर झूठे आरोपों के माध्यम से मेरी व मेरी 75 वर्षीय कैन्सर पीड़ित माँ की छवि धूमिल कर हम लोगों को प्रताड़ित करने का प्रयास किया है।

शराब फैक्ट्री के इशारे पर कांग्रेस ने मेरी छवि ख़राब करने का प्रयास किया : प्रियंक 

उन्होंने आगे लिखा कि  शराब माफिया की शह पर काम कर रही कांग्रेस पार्टी ने नैतिक गरिमा को इतना गिरा दिया है कि,मेरी माँ जो हमारे पिछड़े हुए ज़िले की पहली महिला चिकित्सक हैं जिन्होंने 50 साल पहले विदेश जाने का अवसर त्याग कर आजीवन सेवा भाव से गाँव में गरीब के लिए चिकित्सा कार्य किया उनके नाम को राजनीति में घसीट कर उनके नाम पर झूठे आरोप लगाने के लिए मध्य प्रदेश की पवित्र विधानसभा के पटल का उपयोग कर के मुझे दबाव में लेने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं आज़ादी के पहले से मेरे पितामह और उनके पूर्वजों की खेती के लिए 30-40 बीघा ज़मीन पर मेरी माँ के हक़ का सवाल विधानसभा में पूछा जा रहा है 

ये न्याय का संघर्ष है मैं अपराधियों को सज़ा दिलवाकर रहूँगा

NCPCR चेयरपर्सन ने आगे लिखा –  एक एक इंच का हिसाब काँच की तरह साफ़ है, चुनौती देता हूँ विधानसभा में क्या सड़क पर, चौराहे पर कहीं भी चर्चा कर लो, जनता के बीच आ कर लो, जनता मुँहतोड़ जवाब देगी। मेरे संगठन और परिवार से जो संस्कार मुझे मिले हैं वो मेरी शक्ति हैंमैं वंचित समुदाय के संविधान प्रदत्त अधिकार की लड़ाई लड़ रहा हूँ मैं किसी दबाव में आने वाला नहीं हूँ,ये न्याय का संघर्ष है मैं अपराधियों को सज़ा दिलवाकर रहूँगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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