भोपाल।
ई टेंडर घोटाले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एमपी ब्रेकिंग को मिली नई जानकारी के अनुसार घोटाले की कर्ताधर्ता बैंगलोर की एंट्रेंस कंपनी दरअसल पंजाब राज्य में ब्लैक लिस्टेड कंपनी है। मध्यप्रदेश में भी जब ई टेंडरिंग के लिए ठेके दिए जाने थे तब यह कंपनी L2 थी। बावजूद इसके एमपीएसईडीसी के अधिकारियों की मेहरबानी के चलते केवल इसे L1 बनाया गया, और इसी ही ठेका दे दिया गया। ईओडब्ल्यू इस तथ्य की भी जांच कर रहा है आखिरकार कैसे नियमों को रद्दी की टोकरी में डाल एंट्रेंस कंपनी पर यह मेहरबानी की गई और इसके पीछे कौन आईएएस अधिकारी जिम्मेदार था। सूत्रों की मानें तो इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ईओडब्ल्यू को चालान पेश करने के निर्देश भी दिए थे लेकिन आईएएस अधिकारियों ने इस मामले में खुद मुख्यमंत्री के ऊपर सवाल उठने का डर दिखाकर इस कार्रवाई को टलवा दिया था।
बता दे कि पिछले साल प्रदेश मे ई-टेंडर घोटाला पकड़ा गया था। जल निगम के तीन हजार करोड़ के तीन टेंडर में पसंदीदा कंपनी को काम देने के लिए टेंपरिंग की गई थी। ईओडब्ल्यू ने कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टींम (सीईआरटी) को एनालिसिस रिपोर्ट के लिए 13 हार्ड डिस्क भेजी थी, जिसमें से तीन में टेंपरिंग की पुष्टि हो चुकी है। इसकी जांच तीन हजार करोड़ से बढ़कर 80 हजार करोड़ के टेंडर तक चली गई है। बीते साल जून में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में आईएएस कई आईएएस पर सवाल उठ रहे हैं।