भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) में एक बार फिर बिजली की अधिकतम मांग (Maximum Electricity Deman) का नया रिकॉर्ड (Record) बना है| 22 दिसम्बर को राज्य के बिजली सेक्टर (Power Sector) के इतिहास में पहली बार बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग 15,083 मेगावाट दर्ज हुई। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक आकाश त्रिपाठी (Akash Tripathi) ने जानकारी दी है कि बिजली कंपनियों के बेहतर प्रबंधन और सुदृढ़ नेटवर्क के कारण बिजली की इस अधिकतम मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई हुई और प्रदेश में कहीं भी विद्युत व्यवधान नहीं हुआ। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस उपलब्धि के लिये अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है।
श्री त्रिपाठी ने बताया की इस रबी सीजन मे 4 दिसम्बर को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 14,856 मेगावाट दर्ज हुई थी। पिछले रबी सीजन मे बिजली की अधिकतम मांग 3 फरवरी को 14,555 मेगावाट दर्ज हुई थी। राज्य में इस रबी सीजन मे पच्चीस दिन से बिजली की अधिकतम मांग 14 हजार मेगावाट के ऊपर दर्ज हो रही है। प्रदेश में लगातार बिजली की मांग बढ़ने का मुख्य कारण-कृषि क्षेत्र में बढ़ोत्तरी और इससे सिंचाई के नए साधनों का बढ़ना, शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बसाहट का फैलाव व जीवन स्तर में सुधार है। बिजली कंपनियो के बेहतर प्रबंधन और सुदृढ़ नेटवर्क के कारण बिजली की हर अधिकतम मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई की जा रही है।
पश्चिम क्षेत्र में बिजली की मांग 5882 मेगावाट
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 5,882 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 5,082 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4,119 मेगावाट दर्ज हुई।
प्रदेश में कैसे हुई बिजली सप्लाई
प्रदेश में 22 दिसम्बर को जब बिजली की अधिकतम मांग 15,083 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3,487 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1,176 मेगावाट , एनटीपीसी व नार्दन रीजन का अंश 4,019 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंशदान 1,108 मेगावाट, आईपीपी का अंश 1,532 मेगावाट और बिजली बैंकिंग से 1939 व अन्य स्त्रोत जिनमें नवकरणीय स्त्रोत भी शामिल हैं, से प्रदेश को 1,822 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।
प्रदेश में 15,083 मेगावाट बिजली की मांग की सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के कंट्रोल रूम व क्षेत्रीय कार्यालय, स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी व राज्य की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियंताओं व कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।