भोपाल अपहरण मामले में नया मोड़, दिल्ली के एक डॉक्टर के साथ तय हुआ था सौदा, कई राज्यों से जुड़े हैं कनेक्शन

Shashank Baranwal
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Bhopal News

Bhopal News: राजधानी भोपाल में कन्या भोज के बहाने अगवा हुई दो बच्चियों के मामले में एक अहम जानकारी सामने आई है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगवा करने वाले गिरोह का कनेक्शन दिल्ली से जुड़ा हुआ है। दोनों बच्चियों को 3 लाख रूपए कीमत पर दिल्ली के एक महिला डॉक्टर फिजियोथेरेपिस्ट को बेचा जाना था। बता दें पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को कोलार के इंग्लिश विला कॉलोनी से गिरफ्तार किया था।

मानव तस्करों के साथ कनेक्शन

पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस द्वारा पूछताछ की गई। जिसके बाद पता चला कि गिरोह का कनेक्शन मानव तस्करों के साथ जुड़ा हुआ है। गिरोह के पकड़े गए आरोपियों में हरियाणा की अर्चना सैनी समेत उसका पूरा परिवार शामिल था। जिसमें उसका पति केरल निवासी निशांत रामास्वामी, उसका बेटा सूरज, नाबालिक बेटी और सूरज की गर्लफ्रैंड मुस्कान बानों हैं।

कई राज्यों में सक्रिय है गैंग

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दिल्ली समेत राजस्थान, हरियाणा में भी गिरोह के सदस्य सक्रिय हैं। जिसके बाद भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली, हरियाणा में जांच पड़ताल करने की तैयारी बना रही है।

कर्फ्यू वाली माता मंदिर से अगवा हुई थी बच्चियां

गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को कन्या भोज के दौरान इन दोनों बच्चियों को भोपाल के कर्फ्यू वाली माता मंदिर से अगवा कर लिया गया था। जिसके बाद बच्चियों के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की थी। मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद पुलिस की टीम ने शहर के 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को इस दौरान मर्सिडीज कार मिली जिसे जब्त कर लिया गया। आरोपियों के साथ दोनो बच्चियों के अलावा दो और बच्चियां मिली थी। बता दें बच्चियों की पहचान छुपाने के लिए आरोपियों ने बच्चियों का मुंडन करा दिया था।

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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