भोपाल| प्रदेशभर में चर्चित हुआ होशंगाबाद के तत्कालीन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच रेत को लेकर हुए विवाद में शासन ने किसी भी अफसर को दोषी नहीं माना है| राज्य शासन ने कहा कि इस घटना को लेकर किसी पर भी दोष सिद्ध नहीं हुआ है इसके बाद भी कलेक्टर और अनु विभागीय अधिकारी राजस्व दोनों को हटा दिया गया। अनुविभागीय अधिकारी को संभागायुक्त नर्मदा पुरम संभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है यह जानकारी सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने बीजेपी विधायक डॉ सीताशरण शर्मा के लिखित सवाल के जवाब में दी है |
दरअसल, पिछले दिनों होशंगाबाद के तत्कालीन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच फाइल और रेत डंपरों को लेकर हुए विवाद का मामला सुर्ख़ियों में रहा था| रवीश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि रेत खनन पर कार्रवाई से रोकने के लिए कलेक्टर ने आधी रात उन्हें बंगले पर बुलाकर बंधक बना लिया था, जबकि कलेक्टर का कहना है कि एसडीएम ऑफिसर्स क्लब की फाइल नहीं दे रहे थे। मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा था| विपक्ष ने भी इस मामले में सरकार को घेरा था| पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कहा था कि रेत डंपराें पर कार्रवाई करने गए एसडीएम को कलेक्टर द्वारा बंधक बनाना अराजकता बता रहा है। रेत की लूट मची है।
विधानसभा में विधायक डॉ सीताशरण शर्मा ने पूछा था कि सितंबर अक्टूबर में दोनों अफसरों के बीच हुए विवाद में कौन अफसर दोषी पाया गया था ? दोषी अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई है| इसको लेकर उनके द्वारा 1 नवंबर को पत्र लिखकर जानकारी चाही गई थी तो उसका जवाब क्यों नहीं दिया गया | इस पर सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि कलेक्टर कार्यालय से 27 सितंबर को विधायक के पत्र का जवाब भेजा गया है|