कमलनाथ के फैसले पर दिग्विजय ने उठाए सवाल, मचा हड़कंप

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भोपाल। बीते दिनों गौहत्या के आरोप में तीन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसको लेकर अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े कर दिए हैं। दिग्विजय ने अपनी ही सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि गौवध (गोहत्या) पर रासुका नहीं लगनी चाहिए। सरकार को कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए थी,  एनएसए नहीं लगनी चाहिए। दिग्विजय के इस बयान के बाद राजनैतिक गलियाओं में हलचल मच गई है।  

दरअसल, बीते दिनों खंडवा जिले में गोवध के मामले में दो सगे भाइयों और उनके एक साथी पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है। आरोपित 2017 से गोवध के कई मामलों में आरोपित हैं। खंडवा जिले के मोघट थाने में तीनों पर गोवध के तीन से अधिक मामले दर्ज हैं। तीनों को खंडवा जिला जेल भेज दिया गया है। जल्द ही उन्हें रीवा जेल भेजने की तैयारी चल रही है।यह कार्रवाई मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर की गई थी, जिसको लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए है । सिंह ने कहा है कि आरोपियों पर गौ हत्या के लिए बने कानून के तहत कार्रवाई की जाना चाहिए थी, रासुका नहीं लगनी चाहिए थी। उन्होंने राजगढ़ में कहा था कि गौकशी के लिए अलग से कानून पहले से ही हैं, उनके हिसाब से कार्रवाई की जाना चाहिए|  वहीं प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन इसकी खिलाफत करते नजर आये| बच्चन का कहना था कि आरोपियों पर पहलसे से भी और केस होंगे, इसके चलते ही उन पर रासुका की कार्रवाई की गई होगी| उनके कारण प्रदेश और देश की क़ानून व्यवस्था बिगड़ सकती होगी| इसलिए उन पर कार्रवाई की गई होगी| बच्चन गुरुवार को एक दिनी प्रवास पर आये थे| 

बता दे कि मप्र में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद गोवध के मामले में रासुका लगाने का यह संभवत: पहला मामला है। इस कार्रवाई के बाद अवैध रूप से मवेशियों के मांस का व्यवसाय करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। खंडवा में स्लाटर हाउस (बूचड़ खाने) में पुलिस की इस कार्रवाई का असर साफ तौर पर नजर आ रहा है।


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