MP News: NSUI नेता रवि परमार ने मेडिकल यूनिवर्सिटी में घोटाले को लेकर EOW को सौंपा ज्ञापन, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, जांच की मांग की

रवि परमार ने ज्ञापन सौंपते हुए विश्विद्यालय प्रशान पर आरोप लगाते हुए कहा कि रजिस्ट्रार पुष्पराज बघेल ने आर्थिक लाभ के लिए टेंडरों में भी गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिसके कारण विश्वविद्यालय को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

Shashank Baranwal
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MP News: मध्य प्रदेश के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ो रुपए का घोटाला हुआ है। उसी तरह प्रदेश के विश्वविद्यालयों में हो रहे घोटाले को लेकर NSUI नेता रवि परमार ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को घोटाले की जांच के लिए मुकदमा दर्ज करने के लिए ज्ञापन सौंपा।

विश्वविद्यालय में करोड़ों की हेराफेरा की गई

NSUI नेता रवि परमार ने EOW को ज्ञापन के जरिए कहा कि प्रदेश के इकलौते एकमात्र मेडिकल विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा नर्सिंग घोटाले को अंजाम दिया गया, जिसमें करोड़ो रुपए की हेराफेरी की गई है। इस दौरान रवि परमार ने बताया कि पिछले साल निकाय द्वारा किए गए संपरीक्षा में विनियोजन राशि के नवीनीकरण न किए जाने के बाद ऑडिट में गलतियां पाई गई। वहीं विश्वविद्यालय के ऑडिट में स्पष्ट कहा गया कि एफडीआर का नवीनीकरण नहीं कराए गए हैं और ऑडिट में प्रस्तुत विनियोजन पंजी को किसी भी योग्य अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है।

NSUI नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि विनियोजन राशि की परिपक्कता में नवीनीकरण नहीं कराया गया है, जिसके कारण साल 2022, अगस्त में 30 करोड़ 96 लाख 97 हजार 927, सितंबर, 2022 में 9 करोड़ 11 हजार 021, अक्टूबर 2022 में 34 करोड़ 54 लाख 31 हजार 194 रुपए, इसके अलावा नवंबर, 2022 में 26 करोड़ 83 लाख 46 हजार 508 रुपए, दिसंबर, 2022 में 8 करोड़ 74 लाख 13 हजार 993 और जनवरी 2023 में 10 करोड़ 81 लाख 65 हजार 157 रुपए करते हुए कुल 1 अरब 20 करोड़ 90 लाख 65 हजार 100 रुपए की विनियोजन राशि के नवीनीकरण का अभाव की राशि पाई गई है, जिसके मनी पासेज एवं स्टांप ड्यूटी जैसे कई जगहों के सत्यापन में भी कई कमियां मिली हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल हटाने की मांग की गई

इस दौरान रवि परमार ने ज्ञापन सौंपते हुए विश्विद्यालय प्रशान पर आरोप लगाते हुए कहा कि रजिस्ट्रार पुष्पराज बघेल ने आर्थिक लाभ के लिए टेंडरों में भी गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिसके कारण विश्वविद्यालय को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं उन्होंने परीक्षा नियंत्रक सचिन कुचिया पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा अनुपस्थित छात्रों को पास करने का भी मामला सामने आ रहा है, जो परीक्षा के लिए अयोग्य हैं उन्हें परीक्षा के कार्यों के लिए शामिल किया जा रहा है, जबकि नर्सिंग की हजारो आंसर शीट को गीला करके करोड़ो रुपए का घोटाला कर रहे हैं। इसको लेकर रवि परमार ने कहा की इनके कार्यकाल के सभी आंसर शीट और टेबुलेशन शीट की जांच की जानी चाहिए। साथ ही वर्तमान रिजल्ट को भी जांच किए जाएं। इसी से मालूम होगा कि कितना बड़ा घोटाला किया गया है। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी कुलपति अशोक खंडेलवाल, वित्तीय नियंत्रक सचिन कुचिया और रजिस्ट्रार पुष्पराज बघेल को तत्काल हटाया जाए।

जल्द घोटाले की जांच की जाए

NSUI नेता रवि परमार ने ज्ञापन के जरिए बताया कि विश्वविद्यालय के कार्य परिषद की बैठक में उक्त मामले में EOW द्वारा जांच करवाने की मांग की गई थी लेकिन कुलपति और रजिस्ट्रार विभागीय जांच करवाने के का हवाला देकर मामले से जुड़े प्रमाणों को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्दी घोटाले से जुड़े दस्तावेजों को लेकर जांच कर दोषियों को सजा देनी चाहि, जिससे कि आगे इस तरह के घोटाले पर विश्वविद्यालय में रोक लगे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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