MP fake nursing college investigation case : मध्य प्रदेश में सामने आये नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े ने प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ किया ही है साथ ही प्रदेश को शर्मसार भी किया है, लोग इसे व्यापम 2.0 घोटाला कहने लगे हैं, इसकी जाँच अब सीबीआई के जिम्मे है, कांग्रेस ने छात्र संगठन NSUI ने इस मामले में सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर कुछ और बिंदु बताये हैं और अनुरोध किया है कि इन बिन्दुओं को भी जाँच में शामिल किया जाये।
NSUI की मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक ने लिखा पत्र
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानि NSUI की मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार सीबीआई मुख्यालय में निदेशक के नाम एक पत्र भेजा है, उन्होंने उसमें लिखा है कि हमें ज्ञात है कि हाई कोर्ट के आदेश पर आपके द्वारा एमपी के फर्जी नर्सिंग कॉलेजों जो जांच की जा रही हैं उसमें इन बिंदुओं पर मुख्य रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।
इन 6 महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया
- फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी, डीएड-बीएड और अन्य कोर्स भी संचालित किए जाते हैं निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि करना अतिआवश्यक है।
- फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा सीबीआई जांच के बाद व जांच के दौरान प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने अपनी कालेज की बिल्डिंग बदल ली लेकिन जिस बिल्डिंग में मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 2020-21, 2021-22, 2022-23 की मान्यता दी उसकी जांच भी करना अतिआवश्यक हैं क्योंकि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने किराये के भवनों में कालेजों की मान्यता लेकर छात्र छात्राओं से करोड़ों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली है।
- फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा फैकल्टी को सिर्फ निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए ही रखा जाता हैं नर्सिंग कालेजों की फैकल्टी का सैलरी स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि बारीकी से करने की आवश्यकता है।
- फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा भ्रमित करने के लिए छात्रावास और अस्पताल को कुछ समय के लिए ही किराए पर अनुबंधित किया जाता हैं जिसकी पुष्टिकरना भी आवश्यक है।
- फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा लैब में किराए पर सामान लाया जाता हैं कालेजों के लैब में जो भी सामान है उनके बिल की जांच भी करना आवश्यक है।
- फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच टीम में नर्सिंग के सबसे ज्यादा अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और जो किसी भी तरह की गड़बड़ी में संलिप्त ना हो उसे ही शामिल किया जाए, नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य, डीन और अन्य किसी की अनुशंसा पर रखे गए लोगों को जांच कमेटी से तत्काल हटाकर सीनियर और अनुभवी नर्सिंग अधिकारियों को शामिल करवाने का कष्ट करें।