Sat, Dec 27, 2025

बिना जांच के आंगनबाड़ी केन्द्रों मे परोसा जा रहा है पूरक पोषण आहार, आयोग का नोटिस जारी

Written by:Sushma Bhardwaj
Published:
बिना जांच के आंगनबाड़ी केन्द्रों मे परोसा जा रहा है पूरक पोषण आहार, आयोग का नोटिस जारी

notice issued to collector riwa and DEO

Anganwadi Nutrition Diet of Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों को परोसा जा रहा पूरक पोषण आहार तथा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गये हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यान्ह भोजन और टेक होम राशन साल में 300 दिन तक बांटा जाये, जबकि जिलों से यह इनपुट मिला है कि सांझा चूल्हा योजना के तहत तो 300 दिनों तक राशन बांटा जा रहा है, लेकिन टेक होम राशन का वितरण बमुश्किल 180 से 200 दिनों तक ही हो रहा है। वितरण व्यवस्था भी तीन माह देरी से चल रही है। वहीं भारत सरकार के निर्देश हैं कि पूरक पोषण आहार के रेंडम नमूने लेकर उनकी जांच कराई जाये। तय मानकों अनुसार पाये जाने पर ही गुणवत्तायुक्त पूरक पोषण आहार वितरित किया जाये। जबकि हाल यह है कि पूरक पोषण आहार के नमूनों की जांच तक नही कराई जा रही है और बिना जांच कराये ही यह पूरक पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों को बांटा जा रहा है।

आयोग का नोटिस 

महिला बाल विकास विभाग ने जब जिलों से जानकारी मांगी तो पता चला कि अगस्त से अक्टूबर और दिसम्बर 2022 में कई जिलों ने पूरक पोषण आहार की जांच ही नहीं कराई थी, क्योंकि एक नमूने की जांच कराने के लिये 800 से 1000 रूपये तक खर्चा आता है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, मप्र शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, मंत्रालय, भोपाल से पूरे मामले की गहन जांच कराकर सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध कराये जा रहे पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता के संबंध में सभी जिलों से जानकारी प्राप्त कर अगले एक माह में जवाब/प्रतिवेदन मांगा है।