भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नये मंडी एक्ट से आई विसंगति को कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल (agricuture minister kamal patel) ने व्यापारियों से चर्चा के बाद दूर कर लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद अब प्रदेश की मंडियों में मंडी टेक्स 1 रुपये 50 पैसे के स्थान पर केवल 50 पैसे वसूला जाएगा। इसके साथ ही निराश्रित सहायता के 20 पैसे वसूलना भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पिछले 12 दिन से हड़ताल कर रहे व्यापारी मंडी लौट आए हैं।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नये मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है। वहीं अनाज भंडारण के लिए लायसेंस की बाध्यता भी खत्म हो गई है। कमल पटेल ने बताया कि मंडी के बाहर कारोबार पर कोई मंडी टेक्स नहीं था, लेकिन मंडी में 1 रुपये 50 पैसे मंडी टेक्स देने के साथ ही 20 पैसे निराश्रित सहायता शुल्क देना पड़ता था। व्यापारी मंडी टैक्स घटाने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर थे।
सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलने के साथ मंडियों को बचाने का रास्ता भी खुला है। उन्होने कहा कि किसानों का मंडियों पर भरोसा है, किसानों के कल्याण के लिए मंडियों का अस्तित्व बचा रहे इसके लिए वह मंडी शुल्क जारी रखना चाहते हैं, लेकिन खुले बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए वह इसमें कमी चाहते थे। उनकी मांग कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद पूरी हो गई है, इससे मंडियों में व्यापार फिर शुरू हो गया है। गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि सरकार के फैसले के बाद राजस्व आय की छह माह बाद समीक्षा होगी इसके बाद मंडियों को बचाए रखने के लिए नये सिरे से निर्णय लिया जाएगा।