आबकारी नीति पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

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भोपाल। प्रदेश में कमलनाथ सरकार के आबकारी नीति को लेकर किए गए बदलाव के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जिसको लेकर सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि प्रदेश में शराब पर प्रतिबंद्ध से आर्थिक नुकसान होता है।सरकार की स्तिथी अभी ऐसी नही है कि शराब को प्रदेश भर में बंद किया जा सके।सरकार आर्थिक स्तिथी को सुधारने के लिए प्रयासरत है जैसी है स्तिथी ठीक होगी मदिरा बंद करने पर भी विचार किया जाएगा।लेकिन आज हालात ऐसी नहीं कि आबकारी नीति को बंद कर सकें।

वहीं मंत्री जी ने साफ सुथरी शराब पीने का समर्थन करते हुए कहा कि गांव में लोग यूरिया वाली खाद बेचते है। बाहर से लाकर गंदी खाद बेचते हैं किसानों को उसे अच्छा है उन्हे साफ सुथरी शराब मिले जो उनकी मौत का कारण न बन सके। वहीं शराब माफियों पर लगाम लगाने पर उन्होने कहा कि यह लोग शराब माफिया नहीं बल्कि सरकार को रेवेन्यू दे रहे हैं और इस नीति से असली शराब माफियाओं पर रोक लगेगी और वो बाहर से लाकर नकली शराब नहीं बेच पाएंगें।

इसी के ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आबाकारी नीति को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से सवाल करना चाहता हूं। क्या सरकार प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाना चाहती है। हमारी सरकार थी तब हमने धीरे धीरे मदिरा दुकानों को बंद करने का फैसला किया था, लेकिन आज जो फैसला सरकार ने किया है उससे प्रदेश में शराब की दुकाने कई गुना बढ़ जाएंगी।

 सरकार तैयारी कर रही है युवाओं को शराब में डुबोकर प्रदेश को खत्म करने की।इस तरह के निर्णय मुख्यमंत्री जी ना लें जो प्रदेश और युवाओं को तबाह कर दे।आप रोजगार दे नही पा रहे इसलिए युवाओं को नशे में डुबोकर मदमस्त कर रहे हो ताकि आपसे सवाल न कर सके कोई।मैं सीएम को पत्र लिख रहा हूं। कि प्रदेश को तबाह करने वाले फैसले को वापस ले तत्काल निरस्त करे। अगर फैसला वापस नहीं हुआ तो एक बड़ा आंदोलन होगा।


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