भोपाल/नई दिल्ली।
गुरुवार को नरेन्द्र मोदी ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 57 कैबिनेट मंत्रियों के साथ मध्यप्रदेश से चार मंत्रियों सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर, थावर चंद गहलोत, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।खबर है कि इस भव्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद आज शुक्रवार शाम को मोदी कैबिनेट की पहली बैठक हो सकती है, जिसमें विभागों का बंटवारा हो सकता है।
यह बैठक साउथ ब्लॉग में होने की संभावना है।हालांकि, फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि आज ही मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं।ऐसा बताया जा रहा है कि आज पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में मंत्रालयों का बंटवारा भी हो सकता है। कुल 22 राज्यों को दिए गए प्रतिनिधित्व में यह भी कोशिश हुई कि हर वर्ग को अवसर मिले व सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा भी पूरा हो।मोदी कैबिनेट 2.0 में जगह बनाने वाले 57 मंत्रियों की औसत आयु 60 साल से कम है. नई कैबिनेट में कुल 24 नये चेहरों को मौका दिया गया है। इनमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नौकरशाह एस जयशंकर की मंत्रिमंडल में एंट्री ने सबको चौंकाया।
बता दें कि मोदी सरकार 2.0 में कुल 57 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 24 कैबिनेट मंत्री, 25 राज्य मंत्री और 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं। शपथ लेने वाले 20 चेहरे मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए हैं।
एमपी से इन चार चेहरों को मिला मौका
इस बार मोदी कैबिनेट में मध्यप्रदेश के अनुभवी चेहरों को शामिल कर सियासी, जातिगत और भौगोलिक संतुलन बैठाने की कोशिश की है। चंबल-ग्वालियर से सवर्ण (क्षत्रिय) नेता नरेंद्र सिंह तोमर, बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले ओबीसी नेता प्रहलाद पटेल, महाकोशल से आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति के वरिष्ठ नेता थावरचंद गेहलोत को मालवांचल के प्रतिनिधि के रूप में मोदी कैबिनेट में स्थान मिला है।मोदी सरकार में पिछली बार उमा भारती सहित सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार मंत्री थे। अनिल माधव दवे के निधन के बाद डॉ. वीरेंद्र कुमार को कैबिनेट में लिया गया था। इसी तरह मप्र से राज्यसभा सदस्य रहे एमजे अकबर, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान भी मोदी सरकार में शामिल रहे हैं।
इन्हें दोबारा नही मिला मौका
मेनका गांधी, सुरेश प्रभु, राज्यवर्द्धन सिंह, सत्यपाल सिंह, मनोज सिन्हा, शिवप्रताप शुक्ल, राधामोहन सिंह, सुदर्शन भगत, जयंत सिन्हा, अल्फोंस कन्नथनम, अनंत हेगड़े, वीरेंद्र कुमार, जेपी नड्डा, सुरेश प्रभु, जोएल ओराम, विजय गोयल, राधाकृष्णन पी., एसएस अहलुवालिया, हरि भाई पार्थी भाई चौधरी, अनुप्रिया पटेल, रामकृपाल यादव, हंसराज अहीर, विष्णुदेव साय, रमेश चंडप्पा जींगाजीनगी, महेश शर्मा, राजेन गोहेन, जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर, डॉ. सुभाष भामरे और अजया टम्टा को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।हालांकि अभी मंत्रिमंडल में दो दर्जन से ज्यादा मंत्री बनाए जा सकते हैं। पुरानी सरकार में राज्य मंत्री रहे गिरिराज सिंह और महेंद्रनाथ पांडेय को इस बार कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है।