जाति पर सियासत : अब आचार्य निर्भय सागर ने हनुमानजी को बताया ‘जैन’

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भोपाल

देश भर में भगवान हनुमान की जाति पर बहस छिड़ी हुई है। कोई उन्हें दलित बता रहा है तो कोई आदिवासी। ऐसे में मध्यप्रदेश के एक जैन मुनि ने उन्हें ‘जैन’ बताया है। थे। जैन आचार्य निर्भय सागर का कहना है कि जैन ग्रंथों के मुताबिक हनुमान जैन धर्म से थे। आचार्य निर्भय सागर ने आगे हनुमान को जैन साबित करने के लिए कई तर्क दिए। अब उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें आचार्य निर्भय सागर महाराज हनुमान जी को जैन बताते हुए नजर आ रहे है। बताया जा रहा है वीडियो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 25 किलोमीटर दूर समसगढ़ के जैन मंदिर का है। जहां मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने ये बातें कही ।वीडियो में आचार्य कहते हुए नजर आ रहे है कि जैन दर्शन के कई ऐसे ग्रंथ हैं जिनमें हनुमानजी के जैन धर्म से होने की बात लिखी है। जैन धर्म में 24 कामदेव होते हैं। इनमें एक हनुमानजी हैं। जैन दर्शन के अनुसार चक्रवर्ती, नारायण, प्रति नारायण, बलदेव, वासुदेव, कामदेव और तीर्थंकर के माता पिता ये सभी क्षत्रिय हुआ करते हैं। आचार्य निर्भय सागर ने बताया कि इनकी संख्या 169 हुआ करती है, जो कि महापुरुष होते हैं ।  इन महापुरुषों में हनुमान का भी नाम है और कामदेव होने के नाते ये क्षत्रिय थे। 

 उन्होंने  कहा कि जैन धर्म मे ऐसे कई संस्मरणों का ज़िक्र है जिससे ये साबित होता है कि हनुमान जैन धर्म से थे। उन्होंने कहा कि जैन दर्शन के कई ऐसे ग्रंथ हैं जिनमें हनुमानजी के जैन धर्म से जुड़े होने की बात कही गई है। इसके साथ ही आचार्य ने कहा कि हनुमान जी क्षत्रिय हैं और जैन दर्शन के हिसाब से वो पहले क्षत्रिय हैं। उन्होंने वैराग्य की अवस्था को धारण किया इसके बाद जंगलों में जाने के बाद हनुमान से दीक्षा ली।


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