भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल में बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर लगाए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाए है। बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और दुर्गश केसवानी ने यह प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि श्रीमान दिग्विजय सिंह जी आपके परिवार की ग़द्दारी से इतिहास भरा हुआ है। साहस है तो इन बिंदुओं के उत्तर दे।
दरअसल कुछ दिनों पहले एक राघोगढ़ राजघराने से ताल्लुक रखने वाले दिग्विजय सिंह ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से लाभ उठाया और बाद में भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने पैसे देकर हमारे विधायकों को भी अपने साथ कर लिया. इतिहास गद्दारों को कभी माफ नहीं करेगा। आने वाली पीढ़िया इन विश्वासघातियों को याद रखेंगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी झांसी की रानी की बात आती है तो सिंधिया परिवार का नाम आता है या नहीं (धोखा देने के लिए)? अगर उन्होंने यानी उस समय के सिंधिया शासकों ने पानीपत की लड़ाई में हिंदू राजाओं का साथ दिया होता तो अहमद शाह अब्दाली पानीपत की लड़ाई हार जाता। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गद्दारी नहीं की होती तो आज भी मध्य प्रदेश में हमारी सरकार होती।’
बीजेपी ने दिग्विजय सिंह के इस बयान पर जवाबी हमला बोलते हुए उन्हे ही गद्दार बता दिया, बीजेपी प्रवक्ताओं ने भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए एक पत्र सार्वजनिक किया जो 16 सितंबर 1939 को लिखा गया था, बीजेपी प्रवक्ताओं के अनुसार यह पत्र दिग्विजय सिंह के पिता राजा बलभद्र सिंह का पत्र है। बीजेपी का दावा है कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में पुरातत्व विभाग की प्रदर्शनी में भी अवलोकन के लिए रखा गया था यह पत्र। प्रदर्शनी के उद्घाटन की भागमभाग के कारण पहले दिन पत्रों पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन अगले ही दिन जैसी ही इन पत्रों की चर्चा शुरू हुई मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आग बबूला हो उठे। उन्होंने फौरन यह पत्र प्रदर्शनी से हटवा दिए लेकिन तब तक राघोगढ़ की अंग्रेज भक्ति की काला देशद्रोही इतिहास सबके सामने आ चुका था।
बीजेपी का आरोप पत्र में अंग्रेजों की भक्ति करने का है जिक्र। पूछे यह सवाल
श्रीमान दिग्विजय सिंह जी आपके परिवार के ग़द्दारी से इतिहास भरा हुआ है।
साहस है तो इन बिंदुओं के उत्तर देवे।
1 दिग्विजय सिंह को अपने वंश पर बड़ा घमंड है। जब देश भक्त अंग्रेजों की गोलियां खाकर शहीद हो रहे थे, तब दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह जी अपने वंशजों द्वारा की गई अंग्रेजों की सेवाओं की दुहाई देकर अपने और अपने परिवार के लिए सुविधाओं की मांग कर रहे थे।
2 -बलभद्र सिंह जी ने अपने वंश और अंग्रेजों भक्ति का वर्णन करते हुए एक पत्र 16 सितंबर 1939 को लिखा था। “मेरे पूर्वजों ने 1779 से ब्रिटिश सरकार को भरपूर सेवाएं प्रदान की है मेरे पिताजी ने भी आपको अपनी निजी सेवा प्रदान की हैं और पिछले युद्ध के समय भी ब्रिटिश सरकार को राघोगढ़ से अपनी भरपूर सेवा प्रदान की है और अब मैं आपको अपनी वफादारीयो से भरी सेवा प्रदान करना अपना धर्म समझता हूं ।
3 -दिग्गी राजा के पिता बलभद्र सिंह जी द्वारा अपनी अंग्रेज भक्ति को दर्शाने के लिए कथित रूप से लिखे गए पत्र दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रीत्त्व काल में सन 2002 में भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखे गए थे।
4 -इतिहासकार राजा रघुवीर सिंह जी के अनुसार दिग्गी राजा के पूर्वजों को मुगलों की वफादारी के बदले में राघोगढ़ मिला। पानीपत की तीसरी लड़ाई में राघोगढ़ के तत्कालीन राजा ने ने मराठा साम्राज्य के सेनापति सदाशिवराव भाऊ को कोई सहयोग देने से इनकार कर दिया और मुगलों का साथ दिया।
5 -ऊपर उल्लेखित प्रदर्शनी से जुड़ा एक प्रसंग चर्चा में रहता है कि दिग्गी राजा के पिता बलभद्र सिंह जी द्वारा अपनी अंग्रेज भक्ति को दर्शाने के लिए कथित रूप से लिखे गए पत्र दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रीत्त्व काल में सन 2002 में भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखे गए थे।