गरीबी, पलायन, अशिक्षा के बावजूद झाबुआ में 9 फीसदी बढ़ा मत प्रतिशत

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भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए रिकॉर्ड मतदान हुआ है। जो पिछले चुनाव की अपेक्षा करीब ढाई फीसदी तक ज्यादा है। जबकि प्रदेश का झाबुआ जिला ऐसा है, जहां अशिक्षा, गरीबी, पलायन के बावजूद मतदान प्रतिशत में 9 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हुई है। खास बात यह रही कि इस बार मतदान करने के लिए दूसरे राज्य गुजरात और राजस्थान में काम करने गए मजदूर भी घर लौटे। यही वजह रही कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने में झाबुओ जिला प्रदेश में सबसे आगे रहा। 

पिछले विधानसभा चुनाव में झाबुआ जिले का औसत मतदान प्रतिशत 69 फीसदी था, जबकि इस बार जिले में मतदान का प्रतिशत 78 फीसदी तक पहुंच गया है। जो अपने आप में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी है। झाबुआ के जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सक्सेना ने बताया कि कई पोलिंग बूथों पर मतदान शाम 7 बजे तक चला। गुजरात एवं राजस्थान के कई जिलों में काम करने गए मजदूर बड़ी संख्या में वोट डालने क लिए लौटे। उल्लेखनीय है कि झाबुआ का शिक्षा प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम है। 

5 महीने पहले से की तैयारी

चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए इस बार प्रशासन ने 5 महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। झाबुआ कलेक्टर आशीष सक्सेना ने एक टीम बनाकर गुजरात के उन जिलों में भेजी, जहां झाबुआ के मजदूर परिवार के साथ रहकर काम कर रहे हैं। गुजरात प्रशासन की मदद से इस बार बड़ी संख्या में मजदूर वोट डालने के लिए आए। कलेक्टर के अनुसार करीब 25 हजार से ज्यादा मजदूरों को मतदान के लिए वापस लाने में सफल रहे। इसके अलावा गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया। कलेक्टर के अनुसार जिले का एक लाख से ज्यादा मतदाता अभी भी बाहर है। यदि वे वोट डालते तो मतदान का प्रतिशत 90 तक पहुंच सकता था। 

जागरूकता की वजह से मतदान का प्रतिशत बढ़ा। पलायन कर चुके मजदूरों को भी वोट डालने के लिए वापस बुलाने में सफल रहे। चुनाव आयोग ने मत प्रतिशत बढ़ने कि तारीफ की है। 

आशीष सक्सेना, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, झाबुआ


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