भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के राजस्व व परिवहन मंत्री (revenue and transport minister) गोविंद सिंह राजपूत (govind singh rajput) की सभा में वृद्ध महिला द्वारा गद्दारी पर सुनाई गई कविता (poem) के कारण बनी असहज स्थिति अभी शांत भी नहीं हुई थी कि एक और सिंधिया समर्थक (scindia sporter) मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया (mahendra singh sisodia) भी यह सवाल पूछे जाने पर भड़क गए।
दरअसल मंत्रीजी को मुख्यमंत्री निवास पर चर्चा के साथ-साथ रात्रिभोज पर आमंत्रित किया गया था जहां से जाते समय पत्रकारों ने उनसे सवाल किए। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि इस तरह के आरोप लग रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले विधायक गद्दार हैं तो मंत्री जी तैश में आ गए। उन्होंने साफ तौर पर गद्दारी शब्द को ही नकार दिया और कहा कि यह हमारी खुद्दारी है। हम पहले भी मंत्री थे लेकिन कमलनाथ सरकार में ना हमारी सुनवाई होती थी ना जनता के हितों पर काम होता था, इसलिए हमने अपना पद त्याग दिया।
दरअसल ग्वालियर चंबल संभाग में 16 विधानसभा सीटों सहित मध्य प्रदेश की 27 में से 25 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस इसी मुद्दे को लेकर लगातार जनता के बीच जा रही है कि सिंधिया और उनके समर्थकों ने अपनी व्यक्तिगत हितों के लिए जनादेश को गिरवी रख दिया और बीजेपी में चले गए। सोशल मीडिया पर भी लगातार इस तरह का कैंपेन चलाया जा रहा है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मध्य प्रदेश की सभी 27 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी और तब प्रचार शबाब पर होगा। ऐसे में बीजेपी कैसे गद्दारी को खुद्दारी में तब्दील करेगी, यह देखने वाली बात होगी और चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के प्रत्याशी हर मतदाता के सामने जैसे इस बात को सटीक तरीके से रख पाएंगे कि वास्तव में उन्होंने अपने हितों के लिए नहीं बल्कि जनता के हितों के लिए पद त्यागा था।